इंदौर। मध्यप्रदेश विधानसभा उपचुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदर्भ में आपत्तिजनक भविष्यवाणियां करने वाले कंप्यूटर बाबा पिछले 11 दिनों से जमानत मिलने के बाद हर बार गिरफ्तार कर दिए जाते थे परंतु इस बार ऐसा नहीं हुआ। फाइनली जमानत के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।
कंप्यूटर बाबा जेल से निकलते समय घबराए हुए लग रहे थे
11 दिन बाद बाबा जेल से बाहर आए, लेकिन वे काफी घबराए हुए लग रहे थे। गेट के पास ही मीडिया ने उनसे कई सवाल पूछे लेकिन उन्होंने कहा मुझे कुछ नहीं कहना। बस उन्होंने इतना ही कहा कि वकीलों और सबका धन्यवाद। भगवान ने सत्य की जीत की है। इसके बाद कुछ दूर खड़ी कार में सवार हाेकर बाबा तेजी से निकल गए।
पुलिस ने कंप्यूटर बाबा को फेस मास्क नहीं दिया, धोती से चेहरा लपेटा
बाबा के वकील सिंह ने बताया, गुरुवार को चौथे केस में जिला कोर्ट में सुनवाई हुई। इसके बाद कोर्ट ने बाबा की रिहाई के लिए 10 हजार रुपए के बेल बॉन्ड के आदेश दिए। कोर्ट में बाबा कोरोना को लेकर भी सतर्क नजर आए। मास्क नहीं होने पर अपनी धोती को ही मास्क बना लिया। बुधवार को एरोड्रम थाने में दर्ज मामले में जमानत मिलने के बाद गांधी नगर पुलिस द्वारा एक केस दर्ज करने का मामला सामने आया था, जिसमें पुलिस ने कोर्ट से बाबा का रिमांड मांगा था। बाबा को पूर्व में धारा 151 और जातिसूचक शब्द कहे जाने के मामले में भी जमानत मिल चुकी है।
गांधी नगर पुलिस ने दर्ज किया था केस
कम्प्यूटर बाबा पर गांधी नगर पुलिस ने 2 माह पुरानी शिकायत को आधार बनाकर एक और केस दर्ज किया। गांधी नगर टीआई अनिल सिंह चौहान ने बताया कि दो माह पूर्व सुभाष पिता बाबूलाल दयाल निवासी नगीन नगर ने बाबा के खिलाफ जान से मारने की धमकी देने, मारपीट व धक्का-मुक्की किए जाने की शिकायत की थी। उसने बताया कि गोम्मट गिरी पर जैन तीर्थ का गेट बनाने की बात पर बाबा ने उसे धमकाया था। फिर धक्का-मुक्की कर जान से मारने का बोलकर उसे मारने के लिए दौड़े थे। मामले में बाबा के खिलाफ मारपीट और धमकाने की धारा में केस दर्ज किया गया है।
कंप्यूटर बाबा को जेल की कालकोठरी में रखा गया था: एडवोकेट डॉ. एपी सिंह
वकील डाॅ. एपी सिंह का आरोप है कि मप्र सरकार ने ही उन्हें सोच समझकर राज्यमंत्री का दर्जा दिया था। अब उनके साथ ऐसा व्यवहार हो रहा है। कम्प्यूटर बाबा ने मुलाकात में यही कहा है कि मेरे ऊपर जो एक के बाद एक केस दर्ज हो रहे हैं, उसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की जाए। सुप्रीम कोर्ट में भी इसे लेकर याचिका लगाएं। उन पर लगातार झूठे केस दायर किए जा रहे हैं। उन्होंने नर्मदा यात्रा की, आश्रम बनाए। बाबा को काली कोठरी में रखकर कोरे कागज दस्तखत लिए जा रहे हैं।