इंदौर। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 के बाद उपचुनाव 2020 में पूरे प्रदेश में घूम-घूम कर कांग्रेस का प्रचार करने वाले कंप्यूटर बाबा को गिरफ्तार कर लिया गया है, उन के 6 साथियों को भी गिरफ्तार किया गया है। सभी को सेंट्रल जेल भेज दिया गया है। कंप्यूटर बाबा का आश्रम तोड़ दिया गया है। बताया जा रहा है क्या कंप्यूटर बाबा शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न कर रहे थे।
कौन है कंप्यूटर बाबा, असली नाम क्या है
कंप्यूटर बाबा का असली नाम नामदेव दास त्यागी है। उन्हें 1998 में नरसिंहपुर के एक संत द्वारा "कंप्यूटर बाबा" (कंप्यूटर संत) का नाम दिया गया था, क्योंकि संन्यास के बाद भी वह हमेशा अपने साथ लैपटॉप रखते थे। दिगंबर अखाड़ा के सदस्य हैं। इंदौर के अहिल्या नगर में भव्य आश्रम बनाया है।
कंप्यूटर बाबा की राजनीतिक महत्वाकांक्षा
कंप्यूटर बाबा साल 2014 में आम आदमी पार्टी के टिकट पर संसद पहुंचने का सपना देखा था जो पूरा नहीं हुआ। इनका कांग्रेस के साथ जुड़ाव काफी पुराना है। 2018 में कुछ समय के लिए बीजेपी के करीब आए और फिर वापस कांग्रेस से जुड़ गए। इन दिनों पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के काफी करीबी है। कंप्यूटर बाबा सरकार में महत्वपूर्ण पदों की इच्छा रखते हैं। पहले शिवराज सिंह सरकार में और फिर कमलनाथ सरकार में उन्हें मंत्री पद का दर्जा दिया गया था।
कंप्यूटर बाबा की गिरफ्तारी पर दिग्विजय सिंह का बयान
इंदौर में बदले की भावना से Computer बाबा का आश्रम व मंदिर बिना किसी नोटिस दिए तोड़ा जा रहा है। यह राजनैतिक प्रतिशोध की चरम सीमा है। मैं इसकी निंदा करता हूँ।