भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में दुष्कर्म से दुखी होकर 20 साल की ITI कर रही एक छात्रा ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। सुसाइड करने के दो महीने बाद आई एफएसएल जांच में छात्रा के साथ दुष्कर्म किए जाने का खुलासा हो सका है। पुलिस ने इसी रिपोर्ट के आधार पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म और आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मामला दर्ज किया है। पुलिस काे मौके से न तो कोई सुसाइड नोट मिला था और ना ही माता-पिता ने किसी पर संदेह जताया था।
मामले की विवेचना कर रहे गोविंदपुरा थाने के विवेचना अधिकारी अजीम खान ने बताया कि 28 सितंबर को गोविंदपुरा इलाके में रहने वाली 20 साल की लड़की ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। मौके पर ना तो कोई सुसाइड नोट मिला था और ना ही लड़की के माता-पिता ने किसी तरह का कोई संदेह व्यक्त किया था। लड़की 12वीं के बाद आईटीआई कर रही थी। उसने अपने कमरे में दुपट्टे से फांसी लगाई थी। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद दुष्कर्म की आशंका के चलते कुछ सैंपल जांच के लिए एफएसएल भेजे थे। 2 महीने की जांच के बाद एफएसएल ने लड़की के साथ दुष्कर्म किए जाने की पुष्टि की। पुलिस को आरोपी का डीएनए भी मिला है। अब इसी आधार पर गोविंदपुरा पुलिस ने शनिवार देर रात अज्ञात आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म करने और आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है।
छात्रा के परिजनों ने पुलिस को बताया था कि वह तीन भाई बहनों में वह सबसे बड़ी थी। वह किसी मानसिक तनाव में थी, लेकिन उसने इसका कारण कभी परिजनों को यही बताया। वह लगातार दुबली होती जा रही थी और उसका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता था। परिजनों ने कई बार उससे बात कर उसकी सेहत के बारे में पूछताछ की, लेकिन लड़की ने कुछ नहीं बताया। वह काफी कमजोर हो चुकी थी और लोगों से अलग अकेले रहने लगी थी। इससे पहले कि माता-पिता कुछ करते उसने फांसी लगा ली थी।
विवेचना अधिकारी खान ने बताया कि फिलहाल आरोपी के बारे में कोई जानकारी नहीं है, क्योंकि अब तक किसी का नाम सामने नहीं आया है। माता-पिता के द्वारा जिस पर भी संदेह जताया जाएगा, उससे पूछताछ की जाएगी। उसका डीएनए सैंपल लिया जाएगा। जिसका मिलान लड़की से मिले डीएनए सैंपल से किया जाएगा। इतना ही नहीं इस मामले में अब तक की पूछताछ में दो लड़कियों के नाम सामने आए हैं। पुलिस उनसे भी पूछताछ करेगी। उसके बाद ही कोई खुलासा हो सकेगा।
इस तरह के मामलों में पुलिस के लिए आरोपी का पता लगाना एक बड़ी चुनौती होती है, क्योंकि पुलिस के पास ना तो सुसाइड नोट है और ना ही लड़की का बयान। माता पिता ने भी किसी पर संदेह नहीं जताया है। ऐसे में पुलिस के पास एकमात्र रास्ता डीएनए टेस्ट का बचता है। पुलिस उन सभी संदिग्धों के डीएनए टेस्ट कराएगी, जो इस मामले की जांच घेरे में आएंगे। हालांकि यह एक कठिन रास्ता है, लेकिन पुलिस के पास इसके अलावा और कोई दूसरा विकल्प नहीं है। पुलिस की जांच में आस-पड़ोस से लेकर आईटीआई में पढ़ने वाले लड़की के दोस्त घेरे में आएंगे।