जबलपुर। मप्र के के लिए गर्व की बात है कि जबलपुर शहर के शासकीय विज्ञान महाविद्यालय के रसायन शास्त्र विभाग के दो प्राध्यापक डॉ. अनिल कुमार बाजपेयी व उनके छोटे भाई डॉ. सुनील कुमार बाजपेयी भी इस सूची में शामिल हैं। अमेरिका के स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा हाल में ही एक सर्वेक्षण कर सूची तैयार की गई है।
इस सूची में विज्ञान के अलग-अलग क्षेत्रों के टॉप 2 प्रतिशत (लगभग एक लाख) विज्ञानियों को उनके शोध, शोधपत्र व उनके साइटेशन के आधार पर सूचीबद्ध किया गया। इस सूची में भारत के 1494 विज्ञानियों के नाम है। जो विभिन्न प्रयोगशालाओं, भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थानों व विश्वविद्यालयों में कार्य कर रहे हैं। इन दोनों जुड़वा भाइयों को यह उपलब्धि उनके बहुलक रसायन में निरंतर शोध कार्य करने के लिए प्राप्त हुई है। दोनों भाइयों ने बहुलक या पॉलीमर के बायो मेडिकल उपयोगों पर काम किया है। साथ ही पॉलीमर के नैनो पार्टिकल द्वारा किस तरह से पानी में से टॉक्सिक मैटल को हटाया जा सकता है। इस विषय पर भी काम किया गया है।
डॉ. अनिल कुमार बाजपेयी ने बताया कि स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रो.जॉन लोएनिडिस ने यह सूची तैयार की है। साथ ही इसे पीएलओएस बायोलॉजी नामक जर्नल में प्रकाशित भी किया गया है। जिसमें विज्ञान के 22 विषयों व 176 उप विषयों को चुना गया। उनमें शोध कार्य करने वाले विज्ञानियों व प्राध्यापकों को उनकी शोध उपलब्धियों के आधार पर सूचीबद्ध किया गया था। विज्ञानियों की इस प्रतिष्ठित सूची में डॉ. अनिल कुमार बाजपेयी की विश्वस्तर पर रैंकिंग 478 व डॉ.सुनील कुमार बाजपेयी की 757 रैंकिंग है।