जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने मेसर्स शीतल छाया एसोसिएट एंड डेव्लपर्स, जबलपुर की मालिक गीता सिंह रावत की जमानत याचिका निरस्त कर दी है। न्यायमूर्ति जेपी गुप्ता की एकलपीठ ने 55 लाख रुपये की धोखाधड़ी के मामले में जमानत देने से इंकार कर दिया। हाईकोर्ट में बताया गया कि गीता सिंह के खिलाफ और भी कई मामले दर्ज हैं। गीता सिंह के परिवार के लोगों को अन्य मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है।
मेसर्स शीतल छाया एसोसिएट एंड डेव्लपर्स की मालिक गीता सिंह रावत की जमानत याचिका निरस्त
आपत्तिकर्ता जबलपुर निवासी अशोक कुमार मिश्रा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष दत्त व अधिवक्ता मयंक शर्मा ने अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध किया। इससे पूर्व आवेदक महिला बिल्डर मेसर्स शीतल छाया एसोसिएट एंड डेव्लपर्स की प्रमुख गीता सिंह रावत की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेंद्र सिंह व अधिवक्ता अश्वनी कुमार दुबे ने आवेदन वापस लिए जाने पर बल दिया। कोर्ट ने यह मांग स्वीकार करते हुए अग्रिम जमानत आवेदन निरस्त करने का आदेश पारित कर दिया।
महिला बिल्डर गीता सिंह रावत के खिलाफ पुलिस ने जांच के बाद मामला दर्ज किया है
आपत्तिकर्ता जबलपुर निवासी अशोक कुमार मिश्रा की ओर से कोर्ट को अवगत कराया गया कि मामला आधा करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी से संबंधित होने के कारण गंभीर है। जबलपुर की भेड़ाघाट थाना पुलिस ने पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर जांच करने के बाद धारा- 420 सहित अन्य के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है।
बिल्डर गीता सिंह रावत के खिलाफ और भी कई मामले दर्ज
हाईकोर्ट में बताया गया कि आवेदिका ने अन्य अभियुक्तों राम प्रसाद पटैल, रामदास पटैल के साथ मिलकर साजिश पूर्वक छल किया है। इन सभी के खिलाफ पूर्व से विभिन्न् थानों में प्रकरण दर्ज हैं। इससे साफ है कि ये सभी आदतन अपराधी हैं।
परिवार के कई लोग सजायाफ्ता अपराधी
इस परिवार से एक सदस्य उत्तर प्रदेश में और दूसरा जबलपुर जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। जबकि आवेदिका की बड़ी बहन बहुचर्चित देना बैंक डकैती मामले में सजायाफ्ता है। ऐसे में यदि आवेदिका को अग्रिम जमानत का लाभ दिया गया तो समाज में गलत संदेश जाएगा। अदालत ने सभी बिंदुओं पर गौर करने के बाद अग्रिम जमानत आवेदन खारिज कर दिया।