भोपाल। केंद्र की राजनीति से वीआरएस लेने के बाद मध्य प्रदेश राज्य की राजनीति में सक्रिय हुए कमलनाथ उपचुनाव में मुख्यमंत्री की कुर्सी तो शिवराज सिंह से नहीं छीन पाए परंतु शिवराज सिंह का दर्द जरूर अपने सिर पर ले लिया। 2018 के पहले तक जो लोग शिवराज सिंह चौहान के लिए सर दर्द हुआ करते थे, अब कमलनाथ से नाराज हैं और कमलनाथ को सबक सिखाने की तैयारी कर रहे हैं। इस लिस्ट में नया नाम 'आजाद सिंह डबास' जुड़ गया है। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस कमेटी को नोटिस जारी करके 7 दिन में जवाब तलब किया है।
चार लाइन के निष्कासन पत्र से नाराज डबास ने स्पष्टीकरण मांगा
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने बीते रोज आजाद सिंह डबास को पिछड़ा वर्ग विभाग के संयोजक पद से और कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से अगले 6 वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया था। श्री डबास ने चार लाइन के निष्कासन पत्र पर नोटिस जारी करके प्रदेश कांग्रेस कमेटी से 7 दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। यदि उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो हो कांग्रेस हाईकमान और आम जनता के बीच उन सब बातों का खुलासा कर देंगे जो अब तक उन्होंने अपने दिल में दबा रखी है।
कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनते ही हालात बदलने लगे थे
तारीख गवाह है कि 2018 के विधानसभा चुनाव ना तो कमलनाथ के नाम पर लड़ा गया और ना ही कमलनाथ के नाम पर जीता गया। इस जीत के पीछे ऐसे गैर राजनैतिक लोगों का बहुत बड़ा दल काम कर रहा था जो किसी न किसी कारण से शिवराज सिंह चौहान से नाराज थे। कांग्रेस पार्टी ने ऐसे सभी लोगों के मुद्दों को समर्थन दिया और सरकार में आने पर ठोस कार्रवाई का वचन भी दिया। इनमें से कुछ लोगों ने चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की और उन्हें विधिवत पदाधिकारी बनाया गया। मुख्यमंत्री बनते ही कमलनाथ ने इनमें से ज्यादातर लोगों को महत्त्व नहीं दिया और इनके मुद्दों को भी भुला दिया गया। हालात अभी से बिगड़ने लगे थे, मात्र 15 महीने के शासनकाल में कमलनाथ ने मध्य प्रदेश में अपने विरोधियों की एक बड़ी फौज खड़ी कर ली है।