जैसा की हम सबको पता है। उप चुनाव के मद्देनजर मध्य प्रदेश राज्य के मुखिया एवं मुख्यमंत्री, शिवराज सिंह चौहान ने सरकारी नौकरी के लिए राज्य सरकार ने उप चुनाव में के समय ऐलान किया था कि राज्य के मूल निवासी के लोगों के बच्चों को ही मध्य प्रदेश राज्य में सरकारी नौकरियों के भर्ती प्रक्रिया मे नियुक्त किया जाएगा किंतु अभी वर्तमान में जो व्यापमं द्वारा वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी और ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के लिए आवेदन के लिए विज्ञापन जारी किया है। जिसमें इस भर्ती विज्ञापन की रूल बुक में कई त्रुटियां हैं।
जबकि विभाग अंतर्गत ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी 2468, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी 303, से अधिक पद रिक्त है। मध्यप्रदेश के 52 जिलों के प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला बनकर तैयार है। जिसमे कृषि विशेषज्ञ में मिट्टी परीक्षण के विश्लेषक है ही नहीं जो वर्तमान में मृदा जांच अभियान कर्मियों की कमी से जूझ रहा। विभाग में, मृदा जांच के नाम पर खानपूर्ति होती रहती है। मृदा ... सहायक अनुसंधान पदाधिकारी व प्रयोगशाला सहायक के 2191 पद भी लंबे समय से रिक्त पड़े हुए है। जो कई वर्षो से रिक्त है। और जब भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया है। उसमे कुछ पदों को बताकर खाना पूर्ति की जा रही है। और उसमे पूरे भारत और नेपाल के मूलवासियों से कृषि अधिकारियों के पदों की भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित करवाए जा रहे है। जो मध्यप्रदेश के बेरोजगार युवा कृषि विषय के छात्रों भविष्य के साथ खिलवाड़ है।
इसके अलावा मध्यप्रदेश के प्रत्येक जिलों में कृषि क्षेत्र मे अनुसंधान का कार्य करने हेतु भारत सरकार के अधीन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र स्थापित हैं। जिसमे सरकार के भर्ती नियम को दर किनार किया जा रहा है और उन पदों पर बिना नेट और पीएचडी, बिना अनुभवों के लोगों को बिना exams के डायरेक्ट interview के माध्यम से कृषि वैज्ञानिक के पदों पर नियुक्ति दी जा रही है। जो ईन पदों के लिए कतई भी योग्यता नहीं रखते है। जिसमें कृषि के क्षेत्र से जुड़े अनुसंधान और किसानो के लिए ये दुखद संदेश है। जिससे कृषि से जुड़े कार्यो में बाधा उत्पन्न हो रहीं है।
अतः मननीय जी, हम सभी कृषि छात्रों की ओर से नम्र निवेदन है कि आप हमारे भर्ती प्रक्रिया के सम्बंध में उचित निर्णय न्याया दिलाते हुए। इस भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कराने की कृपा करे।
समस्त कृषि छात्र