भोपाल। माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्य प्रदेश भोपाल द्वारा इस वर्ष सभी छात्रों से 10वीं 12वीं की पूरी परीक्षा फीस ₹900 वसूल की जा रही है, जबकि गत वर्षों तक अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग में एक लाख बीस हजार रुपए वार्षिक आय वाले छात्र-छात्राओं की पूरी परीक्षा फीस तथा पिछड़ा वर्ग में मातृ-पितृ हीन छात्रों की आधी परीक्षा फीस माफ थी।
इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण मध्यप्रदेश शासन द्वारा आम नागरिकों को अनेक प्रकार से रियायतें दी जा रही हैं, ऐसे में माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्य प्रदेश द्वारा सभी छात्र छात्राओं से पूरी परीक्षा फीस लेने का फरमान समझ से परे है। माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा जारी गाइडलाइन में भी बाद में एसटी एससी वर्ग के छात्रों की फीस वापसी का कोई उल्लेख नहीं है और ना ही विधिवत प्रवेश नीति जारी की गई।
ज्ञात हो गए कोरोना काल में रोजगार बंद होने एवं मजदूरी न मिलने से ट्राइबल क्षेत्र की ग्रामीण जनता को अपना जीवन यापन करना मुश्किल हो रहा है, जिसके कारण परीक्षा फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 30 नवंबर होने के बाद भी अभी तक 50% छात्रों ने फॉर्म सबमिट नहीं किया है, जिसमें अधिकांश छात्र एसटी एससी वर्ग से हैं। ₹900 परीक्षा शुल्क न भर पाने के कारण बहुत सारे छात्र-छात्राएं वर्तमान में चल रही रिवीजन टेस्ट परीक्षा में भी शामिल नहीं हो पा रहे हैं।
जिसे देखते हुए ट्राईबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन ने माननीय मुख्यमंत्री जी, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग एवं सचिव माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश भोपाल को पत्र लिखकर गत वर्षों अनुसार इस वर्ष भी गरीब, आर्थिक रूप से कमजोर अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य वर्ग के छात्र-छात्राओं की सभी कक्षाओं की परीक्षा फीस माफ करने की मांग की है । एसोसिएशन के अध्यक्ष डी के सिंगौर प्रवक्ता संजीव सोनी ने उम्मीद जताई है कि कोरोना काल की इस विपरीत परिस्थिति में मध्यप्रदेश की जनकल्याणकारी सरकार छात्रों के भविष्य और प्रदेश के आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों की भलाई का ध्यान रखते हुए 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा फीस माफ करने का निर्णय शीघ्र लेगी।