MP BOARD: 10th-12th के फायदे के लिए चेयरमैन जुलानिया का ऐतिहासिक डिसीजन - EDUCATION NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल।
माध्यमिक शिक्षा मंडल, मध्य प्रदेश के चेयरमैन राधेश्याम जुलानिया ने 10वीं हाई स्कूल एवं बारहवीं हायर सेकेंडरी स्कूल के स्टूडेंट्स के फायदे के लिए कई ऐतिहासिक डिसीजन लिए है। जुलानिया के इस बदलाव से पढ़ने वाले बच्चों को काफी फायदा होगा। सबसे खास बात यह है कि मुख्य परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद यदि आप रिजल्ट से संतुष्ट नहीं है तो 3 महीने बाद सप्लीमेंट्री नहीं बल्कि श्रेणी सुधार के लिए परीक्षा का आयोजन होगा। इस परीक्षा में फेल और पास सभी विद्यार्थी भाग ले सकते हैं। दोनों परीक्षाओं में से जिसमें सबसे ज्यादा नंबर आएंगे, उसे मान्य किया जाएगा।

सप्लीमेंट्री का मार्कशीट अच्छी नहीं लगती: राधेश्याम जुलानिया

दूसरी बात परीक्षा में शामिल होने के लिए विद्यार्थियों को परीक्षा शुल्क भी देना होगा। जिस परीक्षा में अधिक अंक आएंगे, उस परीक्षा की मार्कशीट को मान्य कर दिया जाएगा। यह निर्णय मंडल अध्यक्ष राधेश्याम जुलानिया ने विद्यार्थियों के लिए लिया है। उन्होंने कहा कि किसी विद्यार्थी को सप्लीमेंट्री की मार्कशीट देने से उसे अच्छा नहीं लगता है, कोई भी पहचान लेता है कि वह सप्लीमेंट्री परीक्षा देकर पास हुआ है। इससे बचने के लिए अब मार्कशीट पर सप्लीमेंट्री लिखा नहीं होगा, बल्कि जिस महीने में परीक्षा होगी, उसका नाम लिखा होगा।

जिस परीक्षा में ज्यादा नंबर आएंगे उसकी मार्कशीट मान्य होगी

अगर कोई विद्यार्थी सिर्फ एक या दो विषय में फेल है तो वह तीन माह बाद होने वाली दूसरी परीक्षा में उसी विषय में बैठ सकता है। अगर वह सभी विषयों की परीक्षा देना चाहे तो दे सकता है। जिस परीक्षा में अधिक अंक मिलेंगे, उसे मान्य किया जाएगा।

11वीं के बाद 12वीं में बदल सकते हैं विषय

इसके अलावा अगर बारहवीं में कोई विद्यार्थी 11वीं से हटकर दूसरा विषय बदलकर पढ़ाई कर परीक्षा देना चाहे तो दे सकता है। कोई आर्ट्स का विद्यार्थी विज्ञान लेकर 12वीं में पढ़ना चाहे या परीक्षा देना चाहे तो दे सकता है। अब विद्यार्थियों पर किसी भी विषय को लेकर कोई पाबंदी नहीं होगी।
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पहले यह होता था

- श्रेणी सुधार के लिए विद्यार्थियों को 1 साल इंतजार करना पड़ता था। 
- इससे विद्यार्थियों का एक साल बर्बाद होता था।
- विज्ञान का विद्यार्थी कॉमर्स का विषय लेकर 12वीं में परीक्षा दे सकता था। कॉमर्स का विद्यार्थी विज्ञान नहीं ले सकता था।
- फेल विद्यार्थियों के लिए सप्लीमेंट्री परीक्षा होती थी।
- मार्कशीट पर सप्लीमेंट्री लिखा होता था।

अब यह होगा

-श्रेणी सुधार के लिए विद्यार्थी मुख्य परीक्षा के तीन माह बाद परीक्षा देकर कर सकते हैं।
- उसी साल रिजल्ट में सुधार आ जाएगा।
- कोई भी विद्यार्थी संकाय बदल सकता है।
-विज्ञान का विद्यार्थी कॉमर्स या आर्ट्स वाला भी विज्ञान का विषय लेकर परीक्षा दे सकता है।
-बोर्ड परीक्षा की तरह दूसरी परीक्षा भी होगी।
- मार्कशीट पर सप्लीमेंट्री लिखा नहीं होगा।

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