MP EXIT POLL 2020: ज्योतिरादित्य सिंधिया की हार तय, शिवराज सिंह की सरकार और कमलनाथ की इज्जत बची - MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल।
मध्यप्रदेश विधानसभा उपचुनाव 2020 के एग्जिट पोल के नतीजे सामने आ चुके हैं। इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया से लेकर दैनिक भास्कर तक लगभग सभी का एक जैसा अनुमान है। निष्कर्ष सिर्फ इतना सा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया उप चुनाव हारते हुए नजर आ रहे हैं जबकि शिवराज सिंह चौहान की सरकार सुरक्षित है और कमलनाथ की इज्जत भी बचती हुई नजर आ रही है।

MP EXIT POLL के नतीजे: भाजपा-कांग्रेस 50-50 

मध्यप्रदेश विधानसभा उपचुनाव 2020 के एग्जिट पोल के सभी नतीजों को समायोजित किया जाए तो भाजपा और कांग्रेस के बीच 50-50 की स्थिति बन रही है। यदि 2 सीटें कम ज्यादा भी हो गई तो किसी पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। विधानसभा सदन की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं आएगा। यदि भाजपा के वर्तमान विधायकों ने कोई गड़बड़ नहीं की तो भारतीय जनता पार्टी के पास बहुमत आ चुका है। 

ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रतिष्ठा का चुनाव था 

दरअसल, यह चुनाव ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रतिष्ठा का चुनाव था। ग्वालियर-चंबल संभाग की 16 सीटों के अलावा कुछ अन्य सीटों पर भी ज्योतिरादित्य सिंधिया अपना दावा जताते रहे हैं। 2018 में जब कांग्रेस की सरकार बनी तो सिंधिया समर्थकों की ओर से दावा किया गया था कि इन सभी सीटों पर जीत कांग्रेस की नहीं बल्कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की हुई है। उपचुनाव में कांग्रेस और ज्योतिरादित्य सिंधिया अलग-अलग हो गए। ज्योतिरादित्य सिंधिया के खाते वाली एक भी सीट पर कांग्रेस पार्टी की जीत, ज्योतिरादित्य सिंधिया की हार मानी जाएगी। इसका सीधा असर ज्योतिरादित्य सिंधिया के राजनीतिक भविष्य पर पड़ेगा। अभी तक उन्हें केंद्रीय मंत्री नहीं बनाया गया है। 

शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ का टारगेट अचीव 

एग्जिट पोल के नतीजे बताते हैं कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का टारगेट अचीव हो गया है। शिवराज सिंह चौहान के सामने सरकार को पूर्ण बहुमत के साथ बचाए रखने की चुनौती थी। जबकि कमलनाथ के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कांग्रेस पार्टी में खुद को बचाए रखना। जनता में कहने के लिए "गद्दार" नारा अच्छा था परंतु कमलनाथ की 40 साल की राजनीति और मैनेजमेंट गुरु का दर्जा खतरे में था, यदि ग्वालियर-चंबल संभाग में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो जाता, तो मध्य प्रदेश की राजनीति में कमलनाथ का सूपड़ा साफ होना सुनिश्चित था। अब यदि आधी सीटें भी कांग्रेस जीत गई तो 2023 का चुनाव कमलनाथ के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। 

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