भोपाल। उच्च शिक्षा विभाग, मध्य प्रदेश के अंतर्गत काम करने वाले करीब 2500 प्रोफेसरों की व्यक्तिगत जानकारी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। सरकारी कॉलेजों में पढ़ाने वाले प्रोफेसरों का आधार नंबर, बैंक अकाउंट तक सार्वजनिक हो गया है। इसे लेकर प्रोफेसर काफी नाराज हैं और उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदार मानते हैं।
भोपाल स्थित संचालनालय से लीक हुई प्रोफेसरों की पर्सनल डीटेल्स: आरोप
दरअसल सोशल मीडिया पर प्रोफेसरों की एक सूची वायरल हो रही है। इसमें प्रोफेसरों के आधार नंबर, पैन कार्ड नंबर, बैंक एकाउंट नंबर की जानकारी दी गई है। प्रोफेसरों का कहना है कि उनकी यह निजी जानकारी संचालनालय स्तर से लीक की गई है। विभाग ने इसे अपनी वेबसाइट पर भी अपलोड किया है। कोई भी व्यक्ति इसके जरिये उनके साथ धोखाधड़ी कर सकता है।
उच्च शिक्षा विभाग, मध्य प्रदेश की वेबसाइट पर अपलोड की गई थी प्रोफेसरों की पर्सनल डीटेल्स
प्रांतीय महाविद्यालयीन प्रध्यापक संघ के महासचिव डॉ आनंद शर्मा का कहना है कि वेतन के लिए सभी प्रोफेसरों ने अपना आधार कार्ड नंबर, पैन नंबर, बैंक एकाउंट नंबर आदि की जानकारी विभाग को दी थी लेकिन विभाग ने इसे वेबसाइट पर अपलोड कर दिया। इससे पूरी जानकारी लीक हो गई। अब किसी असामाजिक तत्व ने इस सूची को वायरल कर दिया है। यह बेहद खतरनाक हो सकता है। कोई भी इस जानकारी का दुरुपयोग कर सकता है।
उच्च शिक्षा विभाग से पहले भी लीक हो चुकी है कर्मचारियों की व्यक्तिगत जानकारियां
इसमें राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के प्रोजेक्ट डायरेक्टर और उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों के नाम का भी दुरुपयोग किया गया है। इसी तरह की जानकारी एक बार पहले भी विभागीय वेबसाइट से लीक हो चुकी है। उस मामले में भी शिकायत की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस मामले में सबसे बड़ी लापरवाही तो विभाग के अधिकारियों की है। उच्च अधिकारियों को ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कारवाई करनी चाहिए।