भोपाल। मध्य प्रदेश के कुछ प्रमुख मीडिया संस्थानों और भोपाल समाचार डॉट कॉम की खबर का असर हुआ है। विधानसभा उपचुनाव हार चुके ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक मंत्री इस्तीफा देने के लिए भोपाल आ गए हैं।
चुनाव हार चुके मंत्री गिर्राज दंडोतिया ने इस्तीफा सौंपा
खबर आ रही है कि कैबिनेट मंत्री श्री गिरराज दंडोतिया ने इस्तीफा सौंप दिया है और श्रीमती इमरती देवी इस्तीफा देने जा रहीं हैं। उल्लेखनीय है कि इससे पहले श्रीमती इमरती देवी ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था और माना जा रहा था कि चुनाव हारने के बाद भी दोनों मंत्री 6 महीने का कार्यकाल पूरा करेंगे। भोपाल समाचार डॉट कॉम ने इसी मुद्दे को उठाया था। सवाल किया था कि चुनाव हारने के बाद इस्तीफा देने का नियम क्यों नहीं है। (भोपाल समाचार की खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
ज्योतिरादित्य सिंधिया पर उंगलियां उठने लगी थी
भोपाल समाचार की खबर (ज्योतिरादित्य सिंधिया के हारे हुए समर्थक मंत्री पद से चिपके हुए हैं, छोड़ने को तैयार नहीं) केवल मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर में वायरल हुई और हिंदी के अलावा अन्य कई भाषा की समाचार पत्रों ने इस खबर को आधार बनाकर खबरें छापीं। हिंदी और अंग्रेजी के अलावा मराठी आदि अखबारों में भी इस विषय से संबंधित खबरें छपी और राजनीति में आदर्श की बात करने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरफ उंगलियां उठने लगी थी। भारतीय जनता पार्टी संगठन स्तर पर भी इसकी निंदा की जा रही थी और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने बयान तक दे दिया था।