शिवराज सिंह ने गौ-कैबिनेट मीटिंग का स्थान क्यों बदला, कमलनाथ ने बताया - MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले दिनों आनन-फानन में काऊ कैबिनेट का गठन कर दिया था। इसके बाद घोषणा की थी कि 22 नवंबर 2020 गोपाष्टमी के अवसर पर आगर मालवा स्थित गौ-अभयारण्य में गौ-कैबिनेट की पहली मीटिंग का आयोजन किया जाएगा परंतु मीटिंग से 1 दिन पहले अचानक कैबिनेट मीटिंग का स्थान बदलकर भोपाल कर दिया गया। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने खुलासा किया है कि आखिर क्यों शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट मीटिंग का स्थान परिवर्तन किया।

गौ-अभयारण्य की दुर्दशा सामने आने के बाद कैबिनेट मीटिंग निरस्त की गई

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि सितंबर 2017 में प्रदेश के आगर मालवा जिले के सालरिया में शुभारम्भ किए गए देश के पहले इस गौ अभयारण्य को लेकर भी शिवराज सरकार ने कई बड़े-बड़े दावे किए थे, यहाँ शिवराज सरकार अपनी गौ-केबिनेट की पहली बैठक करने जा रही थीं लेकिन वहाँ की बदहाली, अव्यवस्थो की, गौमाताओं की मौतों की व उनके शवों की दुर्दशा की तस्वीरें सामने आने के बाद शिवराज सरकार बैकफुट पर आ गयी है और अपनी किरकिरी से बचने के लिये उन्हें अपनी गौ-केबिनेट की पहली बैठक इस गौ अभयारण्य में करने के निर्णय को पलटना पड़ा है। बेहतर होता कि वही गौ-केबिनेट कर इस अभयारण्य की अव्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर सभी के साथ देखते और सच्चाई स्वीकार कर शुभारम्भ के बाद से ही हो रही गौमाताओ की निरंतर मौतों पर प्रदेशवासियो से मुख्यमंत्री माफ़ी माँगते।

शिवराज सरकार ने गौ-अभयारण्य कि गायों को चारा पानी तक नहीं दिया

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि यह गौ-अभयारण्य अपनी बदहाल स्थिति व अव्यवस्थाओं के कारण आज गायों का श्मशान बन चुका है। यहां प्रतिदिन गायों की मौते होना सामान्य बात है। शुभारम्भ के 2 माह बाद ही यहां सैकड़ों गायों कि मौत की खबरें सामने आई थी और शुभारम्भ के पांच माह बाद ही यहाँ नई गायों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी, जिसके पीछे पैसे की कमी, हरे चारे, भूसे व पानी की कमी का कारण सामने आया था। 

भारत की पहली गौ-अभयारण्य गायों के कंकाल पड़े हैं

मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कहा कि इस अभ्यारण में गायों को रखने के लिए कई शेड बने हैं और कई शेड भूसे व चारे के लिए बने हैं लेकिन भूसे व चारे के कई शेड खाली पड़े हुए हैं। इस अभयारण्य में जगह-जगह मृत गायें पड़ी है, मृत गायों के शरीर को कुत्ते नोच रहे हैं, उनकी हड्डियां बिखरी पड़ी है, इसकी तस्वीरें रोज़ सामने आ रही है, बेहद बदहाल स्थिति में यह गौ अभयारण्य पहुंच चुका है, यहाँ गायों की समुचित देखभाल के लिये बजट का भी अभाव है। शिवराज सरकार ने तो गाय के चारे की राशि में भी कमी कर दी है। अच्छा होता कि गौ केबिनेट की बैठक यहां होने से इस गौ अभयारण्य की बदहाली की वास्तविक तस्वीर सभी अपनी आँखो से देख सकते।

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