जबलपुर। आईपीसी की धारा 354 (क) एवं धारा पाॅक्सो एक्ट की धारा 7, 8, 9 के तहत गिरफ्तार किए गए अध्यापक भरत अहिरवार की जमानत याचिका निरस्त कर उन्हे जेल भेज दिया गया है। अध्यापक भरत अहिरवार पर आरोप है कि उन्होंने छात्राओं के अंग पर हाथ रखकर गंदी हरकत की। पुलिस जांच में शिकायत सही पाए जाने पर अभियुक्त एवं अध्यापक भरत अहिरवार को गिरफ्तार कर न्यायालय इन्द्रा सिंह विशेष न्यायाधीश पाक्सो जबलपुर में पेश किया गया था।
अध्यापक भरत अहिरवार ने गुरु और शिष्य के रिश्ते को कलंकित किया: अभियोजन अधिकारी
अभियुक्त ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से जमानत हेतु आवेदन प्रस्तुत किया। प्रभारी उपसंचालक (अभियोजन) शेख वसीम के निर्देशन में शासन की ओर से अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमती स्मृतिलता बरकड़े द्वारा विरोध प्रस्तुत कर अपना पक्ष रखते हुए जमानत का विरोध किया गया। अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी स्मृतिलता बरकड़े ने तर्क देते हुए बताया कि अध्यापक ने उक्त कृत्य को करते हुए गुरु और शिष्य के रिश्ते को कलंकित किया है। अपराध गंभीर प्रकृति का है यदि ऐसे अपराधों में आरोपित को जमानत का लाभ दिया जाता हैं, तो समाज में न्याय के विरुद्ध विपरीत संदेश पहुचेगा।
अध्यापक भरत अहिरवार की जमानत निरस्त, जेल भेजा
न्यायालय ने अभियोजन द्वारा व्यक्त किये गये तर्को से सहमत होते हुए व अपराध की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए आरोपित की जमानत निरस्त कर आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। कोर्ट ने इस तरह के प्रकरण समाज की व्यवस्था के लिए घातक निरूपित किये। साथ ही संयम पर जोर दिया। मर्यादा को रेखांकित किया।