भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा उपचुनाव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा बिजली संबंधी वादों को निभाने के लिए बिजली कंपनियों ने आम बिजली ग्राहकों से वसूली की तैयारी शुरू कर दी है। बिजली के बिल में लगभग 10% तक की बढ़ोतरी की जाएगी। इससे प्राप्त होने वाले धन को उन इलाकों में खर्च किया जाएगा जहां से बल्क वोटिंग होती है। ताकि 2023 के विधानसभा चुनाव में कोई शिवराज सिंह चौहान से सवाल ना करें।
शिवराज सिंह को मुख्यमंत्री बनाए रखने की कीमत जनता चुकाएगी
सूत्रों का कहना है कि मध्य प्रदेश की पाॅवर मैनेजमेंट कम्पनी की ओर से तैयार कराई जा रही टैरिफ याचिका में इस बार औसतन 7% तक बिजली की दरें बढ़ाने की तैयारी है। इसके लिए प्रदेश की तीनों वितरण कम्पनियों से लेखा-जोखा मांगा गया है। उन्हें 30 नवम्बर तक विद्युत नियामक आयोग के समक्ष याचिका दायर करना है। यदि बिजली की मूल दरों में 7% की वृद्धि हुई तो बिजली के बिल में करीब 10% की वृद्धि होगी। क्योंकि सभी प्रकार के चार्ज बिजली की मूल दरों पर प्रतिशत में जोड़े जाते हैं।
मध्यप्रदेश में बिजली की दरें (दिनांक 5 नवंबर 2020 की स्थिति में)
0-50 यूनिट-3.85 रुपए प्रति यूनिट
51-150 यूनिट-4.95 रुपए प्रति यूनिट
151-300 यूनिट-6.30 रुपए प्रति यूनिट
300 यूनिट से ऊपर 6.50 रुपए प्रति यूनिट