भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ भारत निर्वाचन आयोग के चुप रहने से दुखी हैं। उनका कहना है कि बूथ कैपचरिंग के पूरे सबूत देने के बाद भी चुनाव आयोग ने पुनर्मतदान नहीं करवाया। यह काफी दुख की बात है। इससे पहले कमलनाथ ने मध्य प्रदेश के प्रशासनिक अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि मतगणना में किसी भी प्रकार का पक्षपात हुआ तो हम चुप नहीं रहेंगे।
चुनाव आयोग को और कैपचरिंग के बूथ कैपचरिंग के सारे सबूत दिए थे: कमलनाथ
न्यूज़ एजेंसी ANI को दिए बयान में पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने कहा कि 3 नवंबर को उपचुनाव में सुमावली, मुरैना और मेहगांव में बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुईं, गोलियां चलीं और बूथ कैप्चरिंग हुई। मुझे दुख इस बात का है कि इसके पूरे सबूत के बावजूद भी चुनाव आयोग ने फिर से मतदान नहीं कराए।
मध्य प्रदेश के प्रशासनिक अधिकारियों ने निष्पक्ष चुनाव नहीं कराए: कमलनाथ
इससे पहले NEWS18 को दिए बयान में पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने कहा था कि ऐसे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी जिन्होंने अपने दायित्वों का निष्पक्ष निर्वहन नहीं किया है और चुनाव को भाजपा के पक्ष में प्रभावित करने का काम किया है। उनकी संपूर्ण गतिविधियां रिकॉर्डेड हैं और इसके लिए वे जिम्मेदार होंगे।
10 तारीख के बाद पक्षपाती अधिकारियों की पोल खोलेंगे: कमलनाथ
कमलनाथ ने कहा है कि पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को राजनीतिक संरक्षण में अपने दायित्वों का निष्पक्षता और ईमानदारी से निर्वहन करना चाहिए जो नहीं कर रहे हैं। वह जान लें कि कोई भी राजनीतिक संरक्षण कभी स्थाई नहीं होता है और 10 तारीख के बाद जनता के सामने यह सब प्रमाण सामने रखा जाएगा।