जबलपुर। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एवं जबलपुर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा के खिलाफ नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश की अवमानना का केस लगाने के लिए तैयारी की जा रही है। याचिका नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच द्वारा लगाई जाएगी। उपभोक्ता मंच का कहना है कि NGT द्वारा स्पष्ट आदेश दिए जाने के बावजूद दीपावली की रात जबलपुर में बेहिसाब आतिशबाजी हुई और उसे रोकने का कोई प्रयास नहीं किया गया।
NGT ने पटाखों के विक्रय, संग्रह और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने को कहा था
दीपावली से पूर्व एनजीटी ने अपने आदेश में साफ कर दिया था कि जिन शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 'पुअर है, वहां पटाखों के विक्रय, संग्रह व उपयोग पर प्रतिबंध सुनिश्चित किया जाए। मुख्य सचिव द्वारा सभी जिलों के कलेक्टरों को गाइडलाइन जारी कर दी गई थी। उक्त आदेश की रोशनी में नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच, जबलपुर के प्रांताध्यक्ष डॉ.पीजी नाजपांडे, समाजसेवी रजत भार्गव व अधिवक्ता प्रभात यादव ने कोर्ट-जबलपुर में एयर क्वालिटी इंडेक्स 200 से ऊपर यानी 'पुअर कोटि में आने की वजह से पटाखों पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की थी।
मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के बयान के बाद कलेक्टर नरम पड़ गए थे
जबलपुर कलेक्टर श्री कर्मवीर शर्मा ने एनजीटी के आदेश के अनुसार धारा 144 के तहत प्रतिबंध लगा दिया था परंतु सीएम शिवराज सिंह चौहान ना केवल नाराज हुए बल्कि उन्होंने सार्वजनिक बयान देकर इस तरह के प्रतिबंधात्मक आदेश के खिलाफ नाराजगी जताई। गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने आदेश जारी नहीं किया लेकिन बयान दिया कि प्रदेश में दीपावली के पटाखों पर कोई प्रतिबंध नहीं है। मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के बयान के बाद कलेक्टर नरम पड़ गए और उन्होंने धारा 144 के तहत लगाए गए प्रतिबंध का पालन सुनिश्चित नहीं किया।