नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में विस्तार की तैयारियां लगभग पूरी हो गई है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए मध्य प्रदेश के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित कई नए चेहरों को जगह दी जाएगी। कुछ मंत्रियों की छुट्टी करने की तैयारी भी हो चुकी है। यह एक बड़ा फेरबदल होगा जो सुर्खियों में रहेगा।
वर्तमान में अब तक की सबसे छोटी कैबिनेट, विस्तार अनिवार्य
वर्तमान में प्रधानमंत्री सहित 22 कैबिनेट मंत्री हैं। केंद्रीय कैबिनेट में मंत्रियों की यह संख्या अब तक की सबसे कम है। अकाली दल बादल की हरसिमरत कौर बादल, शिवसेना के अरविंद सावंत के बाहर जाने तथा रामविलास पासवान (लोजपा) के निधन से स्थिति थोड़ी कठिन हो गई है। भाजपा का अहम सहयोगी जनता दल (यू) कुछ मतभेदों के कारण कैबिनेट का हिस्सा नहीं है। अब चूंकि बिहार चुनाव समाप्त हो गए हैं, कैबिनेट में जद (यू) को जगह मिलना तय है।
कुछ मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है
प्रधानमंत्री ने अपने कैबिनेट सहयोगियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए पिछले 2 महीनों में केंद्रीय मंत्रियों से प्रैजैंटेशन लिया। बताया जा रहा है कि इनमें से कुछेक को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।
कैबिनेट मंत्रियों के पास जरूरत से ज्यादा अतिरिक्त प्रभार
कैबिनेट फेरबदल में देरी के कारण केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर 4 मंत्रालयों का काम देख रहे हैं जबकि पीयूष गोयल व प्रकाश जावड़ेकर 3-3 मंत्रालयों का। जहाजरानी मंत्रालय के पुनर्गठन की घोषणा के बाद संभावना यह है कि मनसुख लाल मंडाविया को कैबिनेट रैंक के लिए प्रमोट किया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो वह गुजरात से तीसरे कैबिनेट मंत्री हो जाएंगे। इस समय वह जहाजरानी मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार संभाल रहे हैं तथा कैमिकल व फर्टीलाइजर मंत्रालय के राज्यमंत्री हैं।
पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से 1-1 मंत्री बनाया जाएगा
अगले साल मई में 2 राज्यों पश्चिम बंगाल व असम में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, उन राज्यों से एक भी मंत्री कैबिनेट में नहीं है। हां, पश्चिम बंगाल से 2 राज्यमंत्री व असम से एक राज्यमंत्री है। ऐसा माना जा रहा है कि पश्चिम बंगाल से कम से कम एक मंत्री कैबिनेट में लाया जा सकता है। मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया दल बदल के पूर्व निर्धारित शर्तों के अनुसार प्रमोशन का इंतजार कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि महाराष्ट्र में भाजपा का वजन बढ़ाने के लिए वहां के एक सांसद को मंत्री बनाया जाएगा।