भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती इमरती देवी ने अंतत: इस्तीफा दे ही दिया। दरअसल, इमरती देवी को समझ में आ गया कि भारतीय जनता पार्टी में इस तरह की अनुशासनहीनता उनके भविष्य के लिए काफी हानिकारक साबित होगा। उल्लेखनीय है कि भोपाल समाचार डॉट कॉम ने आज सुबह ही यह खबर प्रकाशित की है (RSS इमरती से नाराज: निगम-मंडल क्या पंचायत का पद भी मिलना मुश्किल) और शाम को इस्तीफा हो गया।
इमरती देवी चुनाव हारने के बाद भी इस्तीफा देने को तैयार नहीं थी
ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस से भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुई इमरती देवी को उप चुनाव जीते बिना ही शिवराज सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री बना दिया गया था। उपचुनाव में शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया की पूरी ताकत लगाए जाने के बाद इमरती देवी चुनाव हार गईं। इसके बाद जिन्हें इस्तीफा दे देना था परंतु संविधान में मौजूद 6 महीने के प्रावधान को इमरती देवी ने लाइफ लाइन की तरह इस्तेमाल कर रही थी।
इमरती देवी इस्तीफा नहीं देती तो क्या होता
भोपाल समाचार डॉट कॉम ने आज सुबह ही बताया कि इमरती देवी पार्टी बदलने के बाद भी यह नहीं समझ पा रही है कि भारतीय जनता पार्टी में ज्योतिरादित्य सिंधिया का प्रभाव अनुशासन की शर्त पर टिक नहीं सकता। संगठन की अपनी रीति नीतियां है और हर कार्यकर्ता को उसका पालन करना ही होता है। खबर प्रकाशन के कुछ ही घंटे बाद इस्तीफा हो गया।