बड़वानी। मप्र में इंदिरा सागर परियोजना अंतर्गत अधिग्रहित जमीन अनावेदिका द्वारा अधिकारी-कर्मचारियों से सांठगांठ कर कई गुना अधिक लाभ लेने के मामले में पुलिस ने पांच लोगों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज की है। इसमें तत्कालीन एसडीएम, तहसीलदार, पटवारी सहित पांच लोग शामिल हैं। इस तरह का यह तीसरा मामला है।
बड़वानी जिले में भू-अर्जन प्रकरणों में षडय़ंत्र कर शासन को करोड़ों रुपए का चूना लगाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की गाज गिरी है। प्रशासनिक अफसरों पर अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ मिलकर भू-अर्जन प्रकरणों में आवेदकों से मिलीभगत कर अमानत में खयानत करते हुए शासन को ढाई करोड़ से अधिक का नुकसान पहुंचाने का आरोप है।
पटवारी रेवाराम गंगवाल भी शामिल
इस ममाले में तत्कालीन एसडीएम महेश बड़ोले और तहसीलदार आदर्श शर्मा के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इस मामले में एनव्हीडीए भू-अर्जन अधिकारी एसपी मंडरा ने कोतवाली में शिकायत की है। अफसरों पर भूमि का गलत नामांतरण, बंटवारा और डायवर्सन का आरोप लगा है। 5 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। इंदिरा सागर परियोजना में मुआवजा राशि निर्धारण में धांधली का आरोप है। मामले में एसडीएम का पूर्व रीडर बाबूलाल मालवीय और उनकी कलाबाई आरोपी भी है। तत्कालीन पटवारी रेवाराम गंगवाल भी आरोपी है।
टीआई राजेश यादव ने बताया कि भू-अर्जन अधिकारी शिवप्रसाद मंडरा ने एक जांच प्रतिवेदन सौंपा था। इसमें इंदिरा सागर परियोजना के अंतर्गत ग्राम सेगांव बड़वानी पटवारी हल्का नं. 28 में स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 61, 12ए, 61, 13 रकबा 0.135 हेक्टेयर में से 0.060 हेक्टेयर का अधिग्रहण किया जाकर आवेदिका कलाबाई चंपालाल निवासी बड़वानी के नाम से शासन द्वारा 14 लाख 39 हजार 593 रुपये का मुआवजा निर्धारित किया था, लेकिन पारित अवार्ड के विरुद्ध अनावेदिक कलाबाई द्वारा जिला एवं सत्र न्यायालय बड़वानी में रेफरेंस प्रकरण प्रस्तुत करते हुए कर्मचारियों व अधिकारी से सांठगाठ कर झूठे दस्तावेज प्रस्तुत किए जो प्रकरण में न्यायालय द्वारा उक्त प्रकरण में भू-अर्जन अधिकारी इंदिरा सागर परियोजना में पारित आदेश अनुसार पूर्व में पारित अवार्ड राशि 14 लाख 39 हजार 593 रुपये के स्थान पर दो करोड़ 53 लाख 40 हजार 394 रुपये का मुआवजा राशि अधिनिर्णय आदेश पारित किया गया है।
भू-अर्जन के अवार्ड प्रकरणों में मुआवजा राशि के विरुद्ध न्यायालय जिला व सत्र न्यायालय बड़वानी के रेफरेंस प्रकरणों में राशि का कई गुना आदेश पारित होने से ऐसे प्रकरणों की जांच अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बड़वानी मुआवजा और भूअभिलेख बड़वानी की टीम से कराई गई। जांच में कलाबाई, उसके भाई बाबूलाल चंपालाल मालवीय (सहायक ग्रेड-2) द्वारा तत्कालीन पटवारी रेवाराम गंगवाल, तत्कालीन तहसीलदार आदर्श शर्मा, तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) महेश बड़ोले के साथ मिलीभगत कर तहसीलदार आदर्श शर्मा द्वारा जानबूझकर अधिग्रहित की जा रही भूमि का उनके द्वारा मनमाने तरीके से बिना वैध प्रक्रिया के नामांतरण आदेश जल्दीबाजी से पारित किया। इससे शासन को दो करोड़ 53 लाख 40 हजार 394 रुपये की आर्थिक क्षति पहुंचाने का प्रयास किया गया। साथ ही अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन में गंभीर लापरवाही व अनियमितता बरती। गलत नामांतरण, बंटवारा, डायवर्शन करने और शासन के साथ धोखाधड़ी करते हुए आर्थिक हानि पहुंचाने का प्रयास करने के कारण आरोपित कलाबाई पुत्री चंपालाल व बाबूलाल मालवीय (सहायक ग्रेड-2), तत्कालीन पटवारी रेवाराम गंगवाल, तत्कालीन तहसीलदार आदर्श शर्मा व तत्कालीन तहसीलदार व एसडीएम महेश बड़ोले के विरुद्ध विभिन्ना धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है।