इंदौर। मध्य प्रदेश के सबसे हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप स्कैंडल में मध्य प्रदेश पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने आज भी कोर्ट में अपनी जांच रिपोर्ट पेश नहीं की। हैदराबाद लैब की रिपोर्ट के नाम पर पहले 3 सप्ताह का समय मांगा गया था और अब 1 सप्ताह का समय मांगा गया है। कोर्ट अब तीन दिसंबर को इस मामले में बहस सुनेगी। उल्लेखनीय है कि इस मामले में मध्य प्रदेश के कई बड़े नेता, पूर्व मंत्री, अफसर एवं भोपाल और इंदौर के कारोबारियों के नाम आए हैं।
गौरतलब है कि नगर निगम के तत्कालीन सिटी इंजीनियर हरभजन सिंह ने 17 सितंबर 2019 को हनी ट्रैप मामलेे में पलासिया पुलिस थाने पर रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। उन्होंने कहा था कि कुछ महिलाएं उसे अश्लील वीडियो सार्वजनिक करने के नाम पर ब्लैकमेल कर रही हैं और तीन करोड़ रुपये मांग रही हैं। पुलिस ने शिकायत पर कार्रवाई करते हुए सबसे पहले दो लड़कियों को गिरफ्तार किया और उसके बाद पूरा रैकेट गिरफ्तार कर लिया गया।
यह खुलासा भी हुआ कि इन लड़कियों ने मध्य प्रदेश के कई बड़े नेताओं, अफसरों और कारोबारियों से इसी प्रकार शारीरिक संबंध बनाकर उन्हें ब्लैकमेल किया है। सभी सबूत लड़कियों के मोबाइल फोन और लैपटॉप में रिकॉर्ड थे। हाई कोर्ट के आदेश पर एसआइटी ने मामले में जब्त इलेक्ट्राॅनिक सबूत जांच के लिए हैदराबाद की फॉरेंसिंग लैब भेजे हैं, लेकिन वहां से अब तक न रिपोर्ट मिली न इलेक्ट्राॅनिक दस्तावेज।
जांच रिपोर्ट के अभाव में जिला कोर्ट में मामले में सुनवाई आगे नहीं बढ़ पा रही है। इस पर आरोपितों की तरफ से मांग की गई कि हैदराबाद से जांच रिपोर्ट और इलेक्ट्राॅनिक सबूत जल्दी बुलवाए जाएं ताकि सुनवाई की जा सके। इस पर कोर्ट ने एसआइटी से पूछा था कि हैदराबाद से रिपोर्ट कब तक मिलेगी। पिछली सुनवाई पर एसआइटी ने कोर्ट को बताया था कि जांच रिपोर्ट और इलेक्ट्राॅनिक दस्तावेज दो से तीन सप्ताह में मिलने की उम्मीद है।
सोमवार को एसआइटी को रिपोर्ट और दस्तावेज कोर्ट में पेश करना थे, लेकिन उसकी तरफ से बताया गया कि इन्हें लेने हैदराबाद जाना है। इसमें एक सप्ताह का समय लग सकता है। पीठासीन अधिकारी के अवकाश पर होने से कोर्ट ने एसआइटी के आवेदन को रिकाॅर्ड पर लेते हुए सुनवाई आगे बढ़ा दी। कोर्ट अब मामले में तीन दिसंबर को सुनवाई करेगी।