इंदौर। मध्य प्रदेश की कारपोरेट मेट्रो सिटी इंदौर में निवास कर रहे उत्तर प्रदेश एवं बिहार के लोग छठ पूजा के मामले में दो गुटों में विभाजित हो गए हैं। पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान मध्यप्रदेश ने डिसीजन लिया है कि इस बार कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं होगा बल्कि सभी लोग अपने-अपने घरों में रहकर सूर्य पूजा करेंगे लेकिन दूसरा गुट प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी परंपरा अनुसार आयोजन करने जा रहा है। उसने तैयारियां भी शुरू कर दी है।
छठ पूजा का टाइम टेबल
18 नवंबर को पहले दिन नहाय-खहाय से महोत्सव की शुरुआत होगी। फिर 19 नवम्बर को खरना और 20 को अस्ताचल गामी सूर्यदेव को आर्घ्य और फिर समापन पर 21 नवम्बर को उदीमान सूर्य को आर्घ्य देने के साथ समापन होगा। इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण शहर में रह रहे पूर्वांचल के लोग अपने घरों के परिसर में ही कृत्रिम जलकुंड का निर्माण कर सूर्यदेव को आर्घ्य देंगे।
पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान मध्यप्रदेश घर में रहकर छठ पूजा करने की अपील की
शहर में रह रहे पूर्वांचल वासियों की संस्था पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर जगदीश सिंह, महासचिव केके झा तथा सचिव अजय कुमार झा ने कहा कि इस वर्ष कोरोना महामारी को देखते हुए शहर में रह रहे पूर्वोत्तर के लोग समाज एवं शहर हित तथा लोगों के स्वास्थ्य को दृष्टिगत रखते हुए शहर के सार्वजनिक जलकुण्डों, तालाबों, कृत्रिम घाटों में सार्वजनिक रूप से छठ पूजा नहीं मनाते हुए अपने अपने घरों में ही कृत्रिम जलकुण्डों का निर्माण कर छठ मनाएंगे एवं सूर्यदेव को आर्घ्य देंगें।
बिहारियों को संस्थान की अपील मंजूर नहीं, परंपरा अनुसार आयोजन होंगे
हर साल शहर में छठ पूजा पर बड़ी संख्या में लोग सामूहिक पूजा करते हैं, लेकिन इस बार कोरोना को लेकर कुछ आयोजकों ने सार्वजनिक आयोजन निरस्त कर दिए हैं। वहीं कुछ स्थानों पर आयोजन किए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि छठ पूजा को लेकर बिहार का समाज दो गुटों में बंट गया है। एक गुट पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान से जुड़ा है तो दूसरा गुट अलग है जो आयोजन कर रहा है।
दिव्य शक्तिपीठ पर घाट की रंगरोगन
कोरोना महामारी के बीच होने वाले छठ महोत्सव की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। छठ माता के मंदिरों के साथ ही घाट की साफ-सफाई कर रंगरोगन किया जा रहा है। एमआर-9 स्थित दिव्य शक्तिपीठ में हर साल की तरह इस बार भी महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। कोरोना महामारी को लेकर श्रद्धालुओं को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के साथ ही मास्क लगाना अनिवार्य किया गया है।
श्रद्धालुओं की स्क्रीनिंग करने के बाद ही इंट्री दी जाएगी
आयोजक अनीता पाठक ने बताया कि मुख्य गेट पर श्रद्धालुओं की स्क्रीनिंग करने के बाद ही इंट्री दी जाएगी। चार दिवसीय महोत्सव कल से शुरू हो जाएगा। नहाय-खाय के साथ कल से पूजा शुरू हो जाएगी। 19 नवंबर को खरना है, जिस दिन केले के पत्ते पर खीर-रोटी का भोजन कर श्रद्धालु व्रत शुरू करेंगे। 20 नवंबर को डूबते सूर्य भगवान को अघ्र्य देंगे, वहीं 21 नवंबर को उगते हुए सूर्य को अघ्र्य देकर पर्व का समापन किया जाएगा।