परिवर्तन प्रकृति का नियम है और यह परिवर्तन हमारे आसपास तथा हमारे शरीर में भी होते हैं।उम्र के साथ होने वाले बदलाव को एजिंग (Ageing) कहते हैं। जैसे यदि हम 10 साल पुरानी अपनी फोटो देखें तो वह आज की फोटो से बिल्कुल फोटो से बिल्कुल अलग होगी इसी तरह हमारे शरीर में भी बदलाव होते रहते हैं।
स्पॉन्डिलाइटिस क्या है
इसी प्रकार का एक बदलाव है स्पांडिलाइसिस (spondolysis) जो कोई बीमारी नहीं है बल्कि यह रीढ की हड्डी (spinal chord) में होने वाला बदलाव है जो कि समय एवं उम्र के साथ-साथ होने लगता है। कभी रीढ की हड्डी में कैल्शियम कम होने लगता है, तो कभी जॉइंटस् वीक होने लगते हैं, कभी डिस्क में पानी कम होने लगता है, जिसके कारण बदलाव होने लगते हैं। जिसके कारण हमारी दिनचर्या में थोड़ा विराम (pause) आ जाता है। जिसे हम दर्द सही होने के बाद अपनी दिनचर्या में बदलाव लाकर सुधार सकते हैं।
कमर दर्द पीठ दर्द के कारण
कमर दर्द, पीठ दर्द के कई कारण होते हैं। जैसे मांसपेशियों में खिंचाव, जोड़ों में दर्द, कभी गद्दे बदलने से, गलत तरीके से सोने से, गलत तकिया लगाने से, ऊंचा तकिया लगाने से, कोई भारी वजन उठाने से, गलत पोस्चर में सोने /उठने/ बैठने से भी यह दर्द हो सकता है। इस कारण बचपन से ही बच्चों को सही पोस्चर में बैठने की बात कही जाती है।
रीड की हड्डी क्या है
चूँकि हमारा कशेरुक दंड (vertebral column) या रीड की हड्डी (spinal chord) एक सीधी हड्डी ना होकर 33 कशेरुकाओं (vertebrae) से बनी होती है। इसमें विभिन्न प्रकार के जोड़, मांसपेशियां, नसें आदि शामिल होती हैं। अगर इसके किसी भी हिस्से में विकार (डिसऑर्डर) होता है तो गर्दन, पीठ या कमर दर्द होने लगता है।