भोपाल। 11 दिन बाद दूसरी बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने आए ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए 45 मिनट निर्धारित किए गए थे परंतु 40 मिनट तक ज्योतिरादित्य सिंधिया को सीएम शिवराज सिंह चौहान का इंतजार करना पड़ा, इसके बाद मुख्यमंत्री आए और 10 मिनट की मुलाकात के बाद मीटिंग खत्म हो गई।
तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत का मंत्री अटक गया
दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया के खाते के मंत्रालय खतरे में चल रहे हैं। इमरती देवी और गिरिराज सिंह दंडोतिया चुनाव हार चुके हैं एवं तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं। दोनों को दोबारा मंत्री बनाया जाना है परंतु शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल का विस्तार टाल रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने विभागों की संख्या में किसी भी स्थिति में कमी नहीं होने देना चाहते। यही कारण है कि 11 दिन तक बेसब्री से इंतजार किया और शिवराज सिंह के ससुराल में कार्यक्रम संपन्न होते ही मिलने आ गए।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने कई चुनौतियां हैं
दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने साथियों के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल तो हो गए लेकिन अब उनके सामने कई चुनौतियां हैं। सबसे पहले अपनी जड़ें मजबूत करनी है। सिर्फ दादी का नाम लेने से काम नहीं बनता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल मंत्री पद भी चाहिए। इसके अलावा उपचुनाव में बोल्ड हुए समर्थकों की शिवराज सिंह सरकार में वाइल्ड कार्ड एंट्री करानी है। और सबसे बड़ी चुनौती है कि भारतीय जनता पार्टी संगठन में अपने समर्थकों की प्राण प्रतिष्ठा करानी है। भले ही उपचुनाव हो गए लेकिन भारतीय जनता पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं ने महाराज की फौज को स्वीकार नहीं किया है।