शाजापुर। 12वीं के जो छात्र पिछले साल यानी कि मार्च-अप्रैल 2019 में परीक्षा देकर परीक्षा पास कर चुके हैं उनके नाम पर प्राचार्य ने छात्रवृत्ति बांट दी है। बच्चों के नाम से भुगतान की गई यह राशि भोपाल के अलग-अलग लोगों के खाते में जमा करा दी गई है। घोटाले पर घोटाला तो इस बात का है कि मामला सामने आने के बाद डिपार्टमेंट ने प्राचार्य से केवल घोटाले की रकम की रिकवरी की प्रक्रिया शुरू की है। प्राचार्य को सस्पेंड करके विभागीय जांच शुरू नहीं की गई है।
खास बात यह है कि मामला सामने आते ही शिक्षा विभाग ने ऐसे सभी प्रचार्यों से अपने स्कूल के बच्चों के नाम जारी की गई राशि की रिकवरी कराकर मामले को रफा-दफा करने की कवायद शुरू कर दी है। सिर्फ शाजापुर जिले में ही नहीं बल्कि अब तक इस तरीके के 27 प्रकरणों में ही डेढ़ लाख रुपए फर्जी तरीके से बच्चों के नाम से दूसरे लोगों के खातों में जमा कराने के मामले सामने आए हैं। प्रदेश के अन्य जिलों की जांच हो तो यह घोटाला 75 से 80 लाख रुपए तक का हो सकता है।
स्कूल शिक्षा विभाग, स्वतंत्र प्रभार एवं सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार का कहना है कि इस मामले की जांच कराई जाएगी एवं राशि जमा कराने से लेकर वितरण करने वाले जो भी दोषी रहेंगे उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जबकि डीईओ शाजापुर यू यू भिड़े का कहना है कि छात्रवृत्ति भुगतान में गड़बड़ी होने का मामला सामने आया है। इसे लेकर संबंधित से स्पष्टीकरण मांगा गया है, जो गलत भुगतान किया गया है उसकी रिकवरी कराई जाएगी एवं कार्रवाई के बाद प्रतिवेदन राज्य स्तर पर भेजा जाएगा।