भोपाल। छत्तीसगढ़ के अलग होने से पहले अविभाजित मध्यप्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता एवं 18 साल तक कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष रहे श्री मोतीलाल वोरा का निधन हो गया है। 20 दिसंबर को उन्होंने अपना 93वां जन्मदिन मनाया था। उन्हें मिले गुलदस्ता के फूल सूखे भी नहीं थे कि वह सब को छोड़ कर चले गए।
गांधी परिवार का बड़ा नुक्सान
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि वोरा जी सच्चे कांग्रेसी और जबर्दस्त इंसान थे। उनकी कमी बहुत खलेगी। उनके परिवार से साथ मेरी संवेदनाएं हैं। विदित हो कि वोरा के बाद अहमद पटेल को कोषाध्यक्ष बनाया गया था। इसी साल 25 नवंबर को पटेल का भी निधन हो गया था। एक उम्मीद थी कि मोतीलाल वोरा के रहते कम से कम विषम परिस्थितियों में कांग्रेस पार्टी को महत्वपूर्ण टिप्स मिल जाए करेंगे।
अविभाजित मध्यप्रदेश की राजनीति में अहम हिस्सा रहे
1968 में समाजपार्टी के सदस्य रहे वोरा अविभाजित मध्यप्रदेश की दुर्ग म्यूनिसिपल कमेटी के सदस्य बने। 1970 में कांग्रेस में शामिल हुए। 1972 में कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने। इसके बाद 1977 और 1980 में भी विधायक चुने गए। अर्जुन सिंह की कैबिनेट में पहले उच्च शिक्षा विभाग में राज्य मंत्री रहे। 1983 में कैबिनेट मंत्री बनाए गए। 1981-84 के दौरान वे मध्यप्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के चेयरमैन का भी रहे।
13 मार्च 1985 से 13 फरवरी 1988 तक और 25 जनवरी 1989 से 9 दिसंबर 1989 तक दो बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।