इंदौर। सन 2018 में जब व्यापम घोटाला पूरे देश भर की सुर्खियों में था, खाकी वर्दी वाले कुछ लोग (इनमें ज्यादातर मध्य प्रदेश पुलिस के इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर नहीं थे) खुलेआम अवैध वसूली कर रहे थे। ऐसा ही कुछ अब ड्रग्स के मामले में होने लगा है। इंदौर पुलिस ने सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो के दो सिपाही और एक ड्राइवर को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि तीनों वर्दीधारी एक जिम ट्रेनर को गिरफ्तार करने की धमकी दे रहे थे। कह रहे थे कि तुम्हारा नाम 'ड्रग्स वाली आंटी' केस में आ गया है। मामले से बचने के लिए तीन लाख रुपए की मांग की जा रही थी।
24 दिसंबर की शुरू हुआ अवैध वसूली के खेल
एएसपी राजेश रघुवंशी के अनुसार, CNB के सिपाही अरुणोदय सिंह मिश्रा, अनुज यादव और विभाग में अटैच कार के ड्राइवर अजय को पकड़ा गया है। जरई जिम के ट्रेनर शाद खान ने पुलिस को बताया- 24 दिसंबर को जिम में तीन लोग आए। उन्होंने खुद को नारकोटिक्स वाला बताया। रिसेप्शनिस्ट से मेरे बारे में पूछा, लेकिन मैं वहां नहीं था। इसलिए शाम को फिर जिम पहुंचे। मुझे तीनों ने बाहर बुलाया।
3 लाख रुपए लगेंगे नहीं तो घसीटते हुए ले जाएंगे: धमकी दी
वहां अरुणोदय मिश्रा ने अपना कार्ड दिखाकर खुद को NCB वाला बताया। फिर मुझे जिम में बने कैफे में ले गए। मेरा नाम पता एक डायरी में लिखकर लिखा-पढ़ी करने लगे। कुछ लोगों के फोटो दिखाए। कहा- ये तेरे साथी हैं। तेरा नाम बता रहे हैं। तू भी पैडलर बन सकता है। हम तेरा बयान लेकर तुझे गिरफ्तार करने आए हैं। यदि तुझे तेरा नाम कटवाना है तो तीन लाख रुपए लगेंगे, वरना यहीं से घसीटते हुए ले जाएंगे।
जिम संचालक ने पुलिस से संपर्क किया और मामले का खुलासा हुआ
मैंने कहा- साहब गरीब आदमी हूं। मैंने कभी ऐसा काम नहीं किया। मेरे पास पैसे नहीं हैं। फिर बोले- पैसे तो देना होंगे। मैंने कहा- मुझे वक्त दो। वे दो दिन का समय देकर चले गए। फिर मैंने यह बात संचालक प्रतीक जोशी को बताई। जिम संचालक प्रतीक के मुताबिक, मैंने शाद से पूछा कि तू ये काम करता है क्या, उसने कहा नहीं। मैंने कहा- तू सही है तो फिर हम पैसे नहीं देंगे। मैंने विजय नगर पुलिस से संपर्क किया।
किस तरह पकड़े गए अवैध वसूली वाले सिपाही
दोनों पुलिस वाले शनिवार सुबह 10.30 बजे जिम आए। वे शाद को धमकाने लगे। मैंने पहले ही प्लान बना लिया था। इसलिए उन्हें सड़क पर बुला लिया। फिर विजय नगर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया।
अरुणोदय सिंह मिश्रा के खिलाफ पहले भी विभागीय जांच चली थी
नारकोटिक्स विभाग 2019 तक रहे अफसर बीआर मीणा ने बताया कि वे अभी पश्चिम बंगाल में कमांडेंट हैं। उनके वक्त मिश्रा वसूली के लिए काफी बदनाम था। मीणा ने उस वक्त इसके खिलाफ विभागीय जांच बैठाई थी। उसे हटाने के लिए लिखा था, लेकिन उनके जाते ही वह फिर से जोड़-तोड़कर विभाग में आ गया।
पूरे इलाके के जिम ट्रेनर टारगेट पर थे
विजय नगर क्षेत्र के कई जिम ट्रेनरों ने पुलिस को जानकारी दी है कि जब से आंटी कांड में जिम ट्रेनर्स का नाम आया है, तब से अरुणोदय मिश्रा की टीम कई जिम में जा रही है और हर किसी को ड्रग्स पैडलर्स के रूप में फंसाने के नाम पर अवैध वसूली कर रही है।