नई दिल्ली। कोरोनावायरस के बाद जिस नए वायरस ने यूनाइटेड किंगडम को फिर से लॉकडाउन की दहलीज पर ला खड़ा किया है, भारत में उस नई प्रजाति के सार्स- कोव-2 वायरस से बचाव के लिए सरकार द्वारा SOP भी जारी कर दी गई है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पिछले 1 महीने में ब्रिटेन से आए यात्रियों की निगरानी की जाए एवं 21 दिसंबर 2020 के बाद ब्रिटेन से आए यात्रियों को अपने ही घर में क्वारंटाइन किया जाए।
सार्स- कोव-2 वायरस क्या है, कितना खतरनाक है
यूनाइटेड किंगडम (UK) ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को एक नई प्रजाति के सार्स- कोव-2 वायरस [परीक्षण के अधीन प्रजाति (UVI)-20212/01] के बारे में सूचित किया है। यूरोपियन सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (ECDC) के अनुमान के अनुसार यह प्रजाति का संक्रमण अधिक तेजी से फैलता है और युवा जनसंख्या को प्रभावित करता है। इस प्रजाति को बदलावों अथवा परिवर्तनों के एक 17 सेट द्वारा परिभाषित किया गया है। स्पाइक प्रोटीन में N501Y परिवर्तन सबसे महत्वपूर्ण घटक है, जो वायरस द्वारा मानव ACE2 रिसेप्टर को बांधने के लिए उपयोग में लाया जाता है। स्पाइक प्रोटीन के इस हिस्से में परिवर्तन से वायरस अधिक संक्रामक हो सकता है और अधिक आसानी से लोगों के बीच फैल सकता है।
भारत में ब्रिटेन से आए लोगों के लिए SOP जारी
भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके लिए महामारी विज्ञान संबंधी निगरानी और प्रत्युत्तर को लेकर मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की है। मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में पिछले 4 हफ्तों (25 नवंबर से 23 दिसंबर 2020 तक) उन सभी अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के लिए, जो ब्रिटेन से यात्रा या पारगमन कर चुके हैं, उनके प्रवेश के स्थान पर या समुदाय में आने पर उनके क्रियाकलापों का विवरण शामिल है। इस एसओपी में परीक्षण के तौर पर केवल RT-PCR परीक्षण का उल्लेख किया गया है।
SARS COV 2 VIRUS से संक्रमित लोगों को कोविड वार्ड में भर्ती नहीं करना
यूके से उड़ानों को 23 दिसंबर से 31 दिसंबर, 2020 तक या अगले आदेश तक अस्थायी रूप से स्थगित किया गया है। 21 से 23 दिसंबर, 2020 के बीच की अवधि के दौरान ब्रिटेन में हवाई-अड्डों के माध्यम से यात्रा करने वाले या भारत में उतरने वाले और आने वाले यात्रियों को RT-PCR परीक्षण में शामिल किया जाएगा। एक संक्रमित नमूने के मामले में, यह सिफारिश की जाती है कि स्पाइक जीन-आधारित आरटी-पीसीआर परीक्षण भी किया जाना चाहिए। परीक्षण में संक्रमित पाए जाने वाले यात्रियों को संबंधित राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा समन्वित एक अलग (अलगाव) इकाई में संस्थागत अलगाव सुविधा में पृथक रखा जाएगा।
नमूनों को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV), पुणे या जीनोम अनुक्रमण के लिए किसी अन्य उपयुक्त प्रयोगशाला में भेजने की आवश्यक सुविधा शुरू की जाएगी। यदि जीनोमिक अनुक्रमण सार्स-कोव-2 की नई प्रजाति की उपस्थिति को इंगित करता है, तो रोगी को क्वारेंटिन में रखा जाएगा और नैदानिक प्रोटोकॉल के अनुसार इलाज किया जाएगा।
जो लोग हवाई अड्डे पर आरटी-पीसीआर के साथ परीक्षण पर संक्रमण-रहित पाए जाते हैं, उन्हें घर पर क्वारंटिन रहने की सलाह दी जाएगी। चेक-इन से पहले, यात्री को इस SOP के बारे में समझाया जाएगा और इन-फ्लाइट घोषणाएं भी की जानी चाहिए।
पिछले एक महीने में ब्रिटेन से भारत आने वाले अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों से जिला निगरानी अधिकारियों द्वारा संपर्क किया जाएगा और समुदाय में निगरानी की जाएगी।
राज्य सरकारें/एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम यह सुनिश्चित करेगा कि पिछले चार हफ्तों में यूके से आने वाले अथवा यूके के माध्यम से पारगमन करने वाले उन सभी यात्रियों के संपर्क में आए सभी लोगों का पता लगाकर उनकी निगरानी की जाएगी। प्रोटोकॉल के अनुसार भी उनका परीक्षण किया जाएगा और संक्रमण के मामलों में प्रभावी अलगाव और निगरानी के लिए अलग-अलग क्वारंटिन केंद्रों में संस्थागत क्वारंटिन के तहत संपर्क किए जाएंगे