मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की शिवराज सिंह चौहान सरकार की मंत्री परिषद की बैठक (दिनांक 26 दिसंबर 2020) में मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक 2020 विधानसभा में प्रस्तुत करने के लिए मंजूर कर लिया गया। विधानसभा से पारित होने के बाद इस विधेयक को माननीय राष्ट्रपति महोदय के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति महोदय की अनुमति मिलने के बाद यह विधेयक, अधिनियम के रूप में लागू हो जाएगा। इस विधेयक के 9 मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:-
1. नया मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम, 2020 (Madhya Pradesh Freedom of Religion Act, 2020) के विधेयक का अनुमोदन मंत्री परिषद की बैठक में किया गयाइस अधिनियम के अस्तित्व में आते ही "मध्यप्रदेश धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम, 1968" निरसित हो जाएगा। इस विधेयक को विधानसभा के 28 दिसंबर के आयोजित सत्र में पारित कराया जावेगा।
2. कोई भी व्यक्ति misrepresentation (दुर्व्यपदेशन), allurement (प्रलोभन), threat (धमकी), force (बल प्रयोग), undue influence (असम्यक् असर), coercion (प्रपीड़न) marriage (विवाह), any fraudulent means (अन्य कपटपूर्ण साधन) से प्रत्यक्ष अथवा अन्यथा धर्म संपरिवर्तन या धर्म संपरिवर्तन के प्रयास को निषेध किया गया है। धर्म संपरिवर्तन के दुष्प्रेरण (abet) अथवा षड्यंत्र (conspire) को भी निषेध किया गया है।
3. अधिनियम के प्रावधानों के विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन किए जाने पर कम से कम 1 वर्ष तथा अधिकतम 5 वर्ष कारावास तथा कम से कम रुपए 25,000 अर्थदण्ड अधिरोपित किए जाने का प्रावधान किया गया है।
4. अधिनियम के प्रावधानों के विरूद्ध महिला/नाबालिग/अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के धर्म संपरिवर्तन किए जाने पर कम से कम 2 वर्ष तथा अधिकतम 10 वर्ष कारावास तथा कम से कम रुपए 50,000 अर्थदण्ड अधिरोपित किए जाने का प्रावधान किया गया है।
5. अपना धर्म छिपाकर या impersonate/ misrepresentation करके अधिनियम के प्रावधानों के विरूद्ध धर्म संपरिवर्तन किए जाने पर कम से कम 3 वर्ष तथा अधिकतम 10 वर्ष कारावास तथा कम से कम रुपए 50,000 अर्थदण्ड अधिरोपित किए जाने का प्रावधान किया गया है।
6. सामूहिक धर्म संपरिवर्तन (दो या दो से अधिक का एक ही समय धर्म संपरिवर्तन), जो अधिनियम के प्रावधानों के विरुद्ध होगा, किए जाने पर कम से कम 5 वर्ष तथा अधिकतम 10 वर्ष कारावास तथा कम से कम रुपए 1 लाख अर्थदण्ड अधिरोपित किए जाने का प्रावधान किया गया है।
7. एक से अधिक बार अधिनियम के प्रावधान के अंतर्गत अपराध घटित किए जाने पर कम से कम 5 वर्ष तथा अधिकतम 10 वर्ष के कारावास का प्रावधान किया गया है।
8. जो भी धर्म संपरिवर्तन अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत होगा उस धर्म संपरिवर्तन को अकृत एवं शून्य (null and void) माने जाने का प्रावधान किया गया है।
9. पैतृक धर्म में वापसी को इस अधिनियम में धर्म संपरिवर्तन नहीं माना गया है। पैतृक धर्म वह माना गया है जो व्यक्ति के जन्म के समय उसके पिता का धर्म था।