भोपाल। कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए ग्वालियर के युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की 4 कोशिशों के बावजूद सीएम शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल का विस्तार करने के लिए तैयार नहीं है। सीहोर में भाजपा जिला अध्यक्षों के ट्रेनिंग कैंप में शामिल होने गए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रिमंडल के विस्तार के सवाल पर जवाब दिया कि ' अभी तो माफियाओं को निपटा रहा हूं'
मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया इतने उतावले क्यों है
खास बात यह है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की टीम से बिना चुनाव लड़े मंत्री बनाए गए नेताओं में से दो विधायक (तुलसीराम सिलावट एवं गोविंद सिंह राजपूत) मतदान से पहले कार्यकाल खत्म हो जाने के कारण इस्तीफा दे चुके हैं और चुनाव हार जाने के कारण श्रीमती इमरती देवी, ऐडल सिंह कंसाना और गिर्राज दंडोतिया के 6 महीने का कार्यकाल दिसंबर के साथ खत्म होने जा रहा है। यही कारण है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार दिल्ली में केंद्रीय नेताओं से और भोपाल में शिवराज सिंह चौहान से बार-बार मिल रहे हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है, कांग्रेस में किरकिरी होगी
ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने कई चीजें चुनौतियां बनकर खड़ी हो गई है। केंद्र में उनका अपना मंत्री पद और मध्य प्रदेश की सत्ता एवं संगठन में अपने समर्थकों का प्लेसमेंट ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए प्रतिष्ठा का विषय है। यदि वह चूक गए तो कांग्रेस पार्टी में उनके नाम से काफी किरकिरी होगी। फिलहाल उनका नाम लेकर लोग कांग्रेस हाईकमान की पॉलिसी को गलत बताते हैं, यदि ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में सफल नहीं हो पाए तो गांधी परिवार से जुड़े कांग्रेस के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की असफलता का वर्षों तक उदाहरण देंगे।