भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार स्कूलों के बाद अब सरकारी कॉलेजों को भी बंद करने जा रही है। उच्च शिक्षा विभाग ने पूरे मध्यप्रदेश में 51 सरकारी कॉलेजों को चुना है जहां स्टूडेंट्स एडमिशन लेना पसंद नहीं करते। कॉलेजों को सुधारने के बजाय उन्हें बंद करने की तैयारी शुरू हो गई है।
चालू शिक्षा सत्र में कॉलेज बंद कर दिए जाएंगे
सरकार ने फैसला लिया है कि कॉलेजों को बंद करने के लिए सत्र पूरा होने तक का इंतजार नहीं किया जाएगा। ऐसे कॉलेज जिनमें स्टूडेंट्स की संख्या 100 से कम है, उन विद्यार्थियों को एवं कॉलेज के सभी कर्मचारियों को नजदीक के किसी दूसरे कॉलेज में मर्ज कर दिया जाएगा। इन 51 कॉलेजों में इस साल करीब तीन हजार विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। इन कॉलेजों में पारंपरिक कोर्सेस जैसे आर्ट्स, कॉमर्स और साइंस विषय का अध्यापन होता है।
चुनावी घोषणाओं के तहत खोले गए थे सभी 51 कॉलेज
उल्लेखनीय है कि यह सभी सरकारी कॉलेज चुनाव में वोट प्राप्त करने के लिए खोले गए थे। सरकार ने इन कॉलेजों के लिए भवन तक नहीं बनवाया। इन कॉलेजों में नियमित प्रोफेसरों की संख्या 5 से अधिक नहीं है। सभी कॉलेज अतिथि विद्वानों के सहारे चलाए जा रहे थे। शायद सरकार की पहले से प्लानिंग थी कि कुछ समय बाद इन्हें बंद कर दिया जाएगा।
नियमित कर्मचारियों का ट्रांसफर और अतिथि विद्वानों को बेरोजगार किया जाएगा
इन कॉलेजों में पदस्थ प्रोफेसरों समेत गैर शैक्षणिक स्टाफ से उनसे नजदीक के कॉलेज की पसंद पूछी जाएगी। इसके बाद उन्हें उस कॉलेज में स्थानांतरित किया जाएगा। वैसे भी इन कॉलेजों में नियमित कर्मचारियों की संख्या बहुत कम है। इसलिए सरकार को किसी भी प्रकार की विरोध की चिंता नहीं है। अतिथि शिक्षकों के सहारे कॉलेजों का संचालन किया जा रहा था। इस डिसीजन से अतिथि शिक्षक बेरोजगार हो जायेंगे।
मध्य प्रदेश के किन-किन जिलों में सरकारी कॉलेज बंद किए जाएंगे
सबसे ज्यादा सतना जिले के कॉलेज बंद किए जा रहे हैं। यहां बंद होने वाले कॉलेजों की संख्या चार है। इसी तरह उज्जैन, सिंगरौली, शिवपुरी, सीधी, डिंडोरी में तीन-तीन, अनूपपुर, सीहोर, हरदा, शहडोल, मंडला, रायसेन, धार, श्योपुर, बड़वानी और बुरहानपुर में दो-दो, अशोकनगर, छिंदवाड़ा, आगर मालवा, ग्वालियर, होशंगाबाद, कटनी, मंदसौर, मुरैना, नीमच, कटनी, सागर, पन्ना, रीवा और रतलाम के एक-एक कॉलेज को बंद किया जाएगा।