मप्र विधानसभा: 77 में से 50 कर्मचारी कोरोना संक्रमित, विधायकों के लिए गाइडलाइन जारी - MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल
। मध्यप्रदेश विधानसभा में शीतकालीन सत्र से पहले कर्मचारियों में कोरोनावायरस के संक्रमण की खबर आ रही है। विधानसभा के कुल 77 कर्मचारियों का टेस्ट हुआ है जिनमें से 50 कर्मचारी संक्रमित पाए गए हैं। विधायक विश्राम गृह में ड्यूटी करने वाले कर्मचारी भी संक्रमित पाए गए हैं। इधर पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने आरोप लगाया है कि शिवराज सिंह सरकार शीतकालीन सत्र को टालने के लिए यह सब कुछ कर रही है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले विधानसभा का दूसरा सत्र मात्र 9 मिनट चला था। बता दें कि 28 दिसंबर यानि सोमवार से विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है।

दो नए विधायक पॉजिटिव मिले, अब तक 49 विधायक संक्रमित, एक विधायक की मौत

इसके अलावा दो विधायकों सुनीता पटेल विधायक गाडरवारा और योगेंद्र बाबा विधायक लखनादौन की रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव आई है। इसके साथ ही अब तक संक्रमित हो चुके विधायकों की संख्या 49 हो गई है। इनमें मुख्यमंत्री और एक दर्जन मंत्रियों के साथ विधायक भी शामिल हैं। एक विधायक गोवर्धन दांगी और पूर्व विधायक कल्याण सिंह की मौत हो चुकी है। इस समय विधानसभा सदस्यों में 51 विधायक 60 वर्ष से अधिक उम्र के हैं।

विधानसभा ने गाइडलाइन जारी की

कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट आने पर ही विधानसभा परिसर में मिलेगा प्रवेश।
रिपोर्ट नहीं लाने पर विधानसभा परिसर के डिस्पेंसरी में जांच करानी होगी।
विधायकों के साथ आने वाले कर्मचारी की भी 72 घंटे के अंदर हुए टेस्ट की रिपोर्ट जरूरी।

पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा: विधानसभा का सत्र टालने की साजिश

इधर MP के पूर्व मंत्री और कांग्रेस MLA पीसी शर्मा ने शिवराज सरकार पर आरोप लगाया कि वह विधानसभा सत्र को टालने की कोशिश कर रही है। विधानसभा के 34 कर्मचारियों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने को लेकर PC शर्मा ने कहा कि सिर्फ एक युवती ही कोरोना पॉजिटिव आई है। बाकी सभी आउटसोर्स कर्मचारियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

पीसी ने आरोप लगाते हुए कहा कि विधानसभा का शीतकालीन सत्र ना चले इसलिए ये सब साजिश के तहत किया जा रहा है। पहले 22 दिसंबर से विधानसभा सत्र होना था। लेकिन प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा और सरकार ने षड़यंत्र कर इसको कम किया है। सप्ताह भर फाइल को घुमाया गया। क्योंकि सरकार विधानसभा में चर्चा करने से डर रही है। विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव टालना चाहती है। ये अध्यादेश की सरकार है। भारत में पहली बार है जब MP में अध्यादेश के जरिए बजट पास किया गया, जो कि विधायकों के अधिकारों का हनन है।

अब तक दो सत्र हुए, दूसरी बार केवल 9 मिनट चला सेशन

सरकार ने अभी तक दो दिन बैठक की, जिसमें 24 से 27 मार्च तक चार दिन में दो बैठक 1 घंटे 26 मिनिट और दूसरा 21 से 23 सितंबर तीन दिन तक चले विधानसभा सत्र के दौरान हुई बैठक में चर्चा केवल 9 मिनिट हुई। शर्मा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार विधायकों की आवाज को दबाना चाहती है। अध्यक्ष का काम होता है कि विपक्ष का संरक्षण करें विधानसभा का संरक्षण करें बजाय इसके ये सत्ता पक्ष के हिसाब से निर्णय ले रहे है।

पिछले बजट में चर्चा तक नहीं हो पाई थी

देश के इतिहास में पहली बार मध्य प्रदेश में अध्यादेश से बजट पारित हुआ है। बजट हमेशा विधानसभा में पेश होकर चर्चा करने के बाद पारित होता था। शर्मा ने यह भी आरोप लगाया कि उपचुनाव में जो मंत्री चुनाव हार गए है कैबिनेट में उनको बुलाया जाता है, सरकार पूरी तरह से संविधान को चौपट करने में तुली है। भाजपा पहले लव जिहाद के नाम पर अब धर्म स्वतंत्र विधेयक ये कानून 1968 में बन गया था बाबा साहब आंबेडकर ने सभी बातों को उल्लेख था, लेकिन भाजपा सरकार भटकाने का काम करती है इसलिए इस कानून के जरिए भाजपा विधानसभा सत्र को भी भटकाने का काम करेंगी।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!