भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान कक्षा 1 से 8 तक जनरल प्रमोशन की घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि 31 मार्च 2021 तक स्कूल बंद रहेंगे और अगला शिक्षाशास्त्र 1 अप्रैल 2021 से शुरू होगा। यानी परीक्षा का आयोजन नहीं किया जाएगा।
कक्षा 10वीं एवं 12वीं की परीक्षाएं आयोजित होंगी एवं कक्षाएं भी लगेंगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि कक्षा 01 से 08 तक प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा। कक्षा 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं ली जाएंगी तथा इनकी कक्षाएं शीघ्र प्रारंभ होंगी। कक्षाओं में सोशल डिस्टेंसिंग व अन्य सावधानियों का पूरा पालन किया जाएगा। कक्षा 09 एवं 11 के विद्यार्थियों को सप्ताह में 01 या 02 दिन स्कूल बुलवाया जाएगा।
नई शिक्षा पद्धति की खोज के लिए शिक्षाविदों की समिति बनाई जाएगी
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ले रहे थे। बैठक में स्कूल शिक्षा मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव श्रीमती रश्मि अरूण शमी, प्रमुख सचिव श्री मनोज गोविल आदि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में मार्गदर्शन के लिए शिक्षाविदों की एक समिति बनाई जाए। देश के अन्य राज्यों की शिक्षा पद्धति का अध्ययन कर प्रदेश में सर्वश्रेष्ठ शिक्षा पद्धति लागू की जाए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में स्कूली विद्यार्थियों को दिए जाने वाले गणवेश स्व-सहायता समूह तैयार करेंगे तथा उसके लिए कपड़ा भी वे ही क्रय करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अगले 03 वर्षों में प्रदेश में खोले जाने वाले 10 हजार उच्च गुणवत्तायुक्त स्कूलों के लिए वर्षवार विस्तृत कार्ययोजना बनाई जाए।
प्रदेश में "एक परिसर एक शाला" योजना के अंतर्गत एक ही परिसर में चलने वाले शासकीय विद्यालयों का एकीकरण किया गया है, इससे स्कूलों का संचालन एवं शैक्षणिक व्यवस्थाएं बेहतर हुई हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि जो अतिथि शिक्षक अच्छा पढ़ाते हैं उन्हें अगले वर्ष भी उसी विद्यालय में रखा जाए। प्रतिवर्ष मानदेय वृद्धि का भी प्रावधान किया जाए। शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि शिक्षकों के स्थानांतरण की एक सुविचारित नीति बनाएं जिसके तहत कोई विद्यालय शिक्षक विहीन न रहे। जो शिक्षक लंबे समय से ग्रामीण क्षेत्रों में हैं उन्हें बड़े स्थानों पर तथा प्रारंभ में सभी की पदस्थापना कुछ वर्षों के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में की जाए।
नई शिक्षा नीति के अंतर्गत पहले चरण में प्रदेश के 1500 शासकीय विद्यालयों में के.जी.-01 एवं के.जी.-02 कक्षाएं प्रारंभ की जाएंगी।
शासकीय विद्यालयों में श्रेष्ठ शिक्षण कार्य करने वाले तथा शैक्षणिक गतिविधि में अभिनव प्रयोग करने वाले शिक्षकों को पुरस्कृत किया जाए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि हर शासकीय विद्यालय में नियमित रूप से पालक-शिक्षक संघ की बैठकें अनिवार्य रूप से आयोजित की जाए। इन बैठकों में कभी-कभी मंत्रीगण भी उपस्थित रहे।