भोपाल। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में 50 वर्षीय किसान ओम नारायण का पालतू कुत्ता (जिसका नाम जैकी है) 9 एकड़ जमीन का मालिक है। इस जमीन का बाजार मूल्य लगभग ₹5000000 (50 लाख रुपए) है। यह कोई घोटाला नहीं है बल्कि बाकायदा वसीयत में कुत्ते को यह जमीन मिली है। और जो भी व्यक्ति इस कुत्ते की सेवा करेगा वह इस जमीन का वारिस होगा।
किसान ने बेटे की जगह पालतू कुत्ते को प्रॉपर्टी दे दी
किसान ने बाकायदा अपनी वसीयत में अपनी जायदाद का आधा हिस्सा अपने कुत्ते के नाम किया है, जबकि आधा हिस्सा अपनी दूसरी पत्नी चंपा के नाम किया है। किसान के पास कुल 18 एकड़ जमीन है। किसान अपने बेटों के व्यवहार से नाराज था, जिसके चलते उसने अपनी वसीयत में अपने बेटे की जगह पालतू कुत्ते को जायदाद का हिस्सेदार बना दिया। किसान ने कानूनी शपथ पत्र बनाकर अपने पालतू कुत्ते को वारिस घोषित किया है, जिसका नाम जैकी है।
कुत्ते की सेवा करने वाला उसका वारिस माना जाएगा
किसान ओम नारायण वर्मा ने अपनी वसीयत में लिखा है कि 'मेरी सेवा मेरी पत्नी और पालतू कुत्ता करता है, इसलिए मेरे जीते जी वह मेरे लिए सबसे अधिक प्रिय हैं। मेरे मरने के बाद पूरी संपत्ति और जमीन-जायदाद के हकदार पत्नी चम्पा वर्मा और पालतू कुत्ता जैकी होंगे। साथ ही कुत्ते की सेवा करने वाले को जायदाद का अगला वारिस माना जाएगा।
बेटा नहीं कुत्ता साथ रहता है, इसलिए प्रॉपर्टी उसके नाम कर दी
वसीयत को पढ़ा जाए तो ओम वर्मा ने अपनी संपत्ति का आधा हिस्सा जैकी के नाम करने की वजह बताई है। वसीयत के अनुसार, उसकी देखभाल पत्नी चम्पा द्वारा की जा रही है, इसलिए संपत्ति का आधा हिस्सा चम्पा के नाम किया है, जबकि 11 माह का जैकी हमेशा उसके साथ रहता है और देखभाल करता है, जिसके चलते जैकी के नाम संपत्ति का दूसरा हिस्सा किया गया है।
किसान की संतानों में पांच बेटियां और एक बेटा है
वसीयत के अनुसार, जो भी व्यक्ति जैकी के साथ रहेगा और उसकी देख-रेख करेगा, उसे ही संपत्ति का अगला वारिस घोषित किया जाएगा। बाड़ी बड़ा निवासी ओम वर्मा की दो पत्नियां हैं, ग्रामीणों का कहना है कि उनका दो बार विवाह हुआ था। पहली पत्नी धनवंती वर्मा है, जिससे ओम वर्मा को तीन बेटियां और एक बेटा है, जबकि दूसरी पत्नी चम्पा वर्मा है, जिससे दो बेटियां हैं।