कई बार कुछ लोगों का समूह, कोई नेता या फिर संगठन सरकार को गिराने के लिए या फिर अपनी मांगों को मनवाने के लिए हिंसक गतिविधियों की योजना बनाते हैं। इस प्रकार की गतिविधियों को सरकार के विरुद्ध युद्ध का षड्यंत्र कहा जाता है। भारत देश में अस्थिरता पैदा करने के लिए हिंसा करना एक गंभीर अपराध है और इसी प्रकार इस तरह की हिंसा की साजिश करना भी गंभीर अपराध है। चाहे उस साजिश को मूर्त रूप देने के लिए गतिविधियों की शुरुआत की गई हो या नहीं।
भारतीय दण्ड़ संहिता,1860 की धारा 121 क की परिभाषा:-
जो कोई व्यक्ति केंद्र सरकार, राज्यों की सरकार, को उखाड़ फेंकने के लिए या युद्ध करने के लिए षडयंत्र करेगा या सरकार के विरुद्ध हिंसा करवाने का षडयंत्र रचेगा ऐसा करने वाला व्यक्ति धारा 121 क के अंतर्गत दोषी होगा।
भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 121-क के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान:-
इस धारा के अपराध किसी भी प्रकार से समझौता योग्य नहीं होते हैं। यह संज्ञेय एवं अजमानतीय अपराध होते हैं। इनकी सुनवाई का अधिकार सत्र न्यायालय को होता है। सजा- इस धारा के अपराध के लिए आजीवन कारावास या 10 वर्ष की कारावास एवं साथ मे जुर्माने से भी दाण्डित किया जाएगा।
:- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
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