BHOPAL में 49 कोरोना योद्धाओं के खिलाफ गैरजमानती मामला दर्ज, सभी गिरफ्तार, जेल भेजे - MP EMPLOYEE NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल
। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के नीलम पार्क में संविदा नियुक्ति की मांग कर रहे कोरोना योद्धाओं के खिलाफ पुलिस ने गैर जमानती शासकीय कार्य में बाधा का मामला दर्ज करके 49 कर्मचारियों को जेल भेज दिया। शुक्रवार को कमलनाथ ने प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की। राहुल गांधी ने भी कोरोना योद्धाओं के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामला दर्ज किए जाने पर नाराजगी जताई है।

राहुल गांधी ने भी किया ट्वीट 

राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा है "शर्मनाक! कोरोना वॉरीअर्ज़ पर इस तरह की बेरहमी सिर्फ़ इसलिए क्योंकि वे अपने हक़ की नौकरी के लिए धरना कर रहे थे!अन्यायी भाजपा सरकार की प्रशासनिक ताक़त का घिनौना प्रदर्शन। 

विधायक के खिलाफ मामूली मामला दर्ज किया था 

पिछले दिनों इसी तरह बिना अनुमति के विरोध प्रदर्शन का आयोजन भोपाल की मध्य विधानसभा सीट से विधायक एवं कांग्रेस नेता आरिफ मसूद द्वारा भी किया गया था पुलिस टॉप उस समय पुलिस ने मामूली धाराओं में मामला दर्ज करके थाने से ही उन्हें जमानत दे दी थी लेकिन कोरोना योद्धाओं के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामला दर्ज किया गया।

जहांगीराबाद सीएसपी अब्दुल अलीम खान का बयान

जहांगीराबाद सीएसपी अब्दुल अलीम खान ने बताया कि बिना अनुमति प्रदर्शन करने वाले 49 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। पुलिस ने उनसे प्रदर्शन के लिए अनुमति लेने को कहा था, लेकिन वे बिना अनुमति प्रदर्शन करने पर अड़े थे। उन्हें वहां से हटाने के दौरान उन्होंने पुलिस पर ही हमला कर दिया था। ऐसे में पुलिस ने सभी को हटा दिया। कार्रवाई का विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों पर शासकीय कार्य में बाधा डालने का मामला भी दर्ज किया है। सभी को जेल भेजा जा चुका है। उन्हें कोर्ट से ही जमानत लेनी होगी। 

कोरोना योद्धाओं ने विरोध प्रदर्शन क्यों किया

प्रदर्शन करने वाले नीमच के डॉक्टर नीतेश पाटीदार ने बताया कि उनका क्लीनिक चलता था। सरकार ने मार्च में तीन महीने के लिए कोरोना वॉरियर्स की भर्ती निकाली थी। यह सिर्फ तीन महीने के लिए थी। 6 हजार से ज्यादा डॉक्टरों से लेकर लैब टेक्नीशियन और पैरामेडिकल स्टाफ समेत सभी तरह के मेडिकल स्टाफ की भर्तियां की गईं।

इसमें कहा गया था कि तीन महीने के पहले भी हटाया जा सकता है, लेकिन तीन महीने पूरे होने के बाद इसे तीन महीने बढ़ा दिया। इसके बाद एक-एक महीने कर इसे दो बार बढ़ाया गया। अब शासन आधे कोरोना वॉरियर्स को निकाल रहे हैं, जबकि आधे स्टाफ को रख रही है। हम शांति पूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने हम पर लाठियां भांजी। महिलाओं तक को नहीं छोड़ा। अब हम प्रदर्शन को छोड़ अपने साथियों की जमानत के लिए भटक रहे हैं।

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