भोपाल। भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने शूद्रों को दिए अपने बयान पर सफाई दी है। उन्होंने कहा था कि ब्राह्मण को ब्राह्मण कह दो उन्हें बुरा नहीं लगता। क्षत्रिय को क्षत्रिय कह दो उसे बुरा नहीं लगता। वैश्य को वैश्य कह दो उसे बुरा नहीं लगता, लेकिन शूद्र को शूद्र कहो दो बुरा लग जाता है। क्यों? क्योंकि आज के लोग समझ नहीं पाते। उनका वीडियो वायरल हुआ था। (वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें)
शूद्र वह है, जो पत्नी को पीटे, भगवा और हिंदू का अपमान करे
सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि मैंने आगे कहा था कि जो राष्ट्र की रक्षा का कार्य करे, वह क्षत्रिय है और जो शराब पीकर पत्नी को पीटे, धर्म ध्वज, भगवा और हिंदुत्व का अपमान करते हैं, वह ना हिंदू हो सकता है और ना क्षत्रिय हो सकते हैं। इस बयान को तोड़ मरोड़ कर दिखा दिया गया। यह बात उन्होंने राजपूत ग्राम पंचायत मध्य प्रदेश के बैनर तले बेटी बचाओ आत्मा को बनाओ समाज समाज के भवन में आयोजित कार्यक्रम में कही।
मेरे आधे शब्द को तोड़कर प्रस्तुत किया जाता है: प्रज्ञा सिंह ठाकुर
उन्होंने कहा कि मेरे आधे शब्द को सुनकर तोड़कर प्रस्तुत किया जाता है। जब मैं अस्पताल में भर्ती थी कि हमारे महामहिम राष्ट्रपति का कई बार मैसेज और फोन आया। उन्होंने कहा कि आपके स्वास्थ्य की चिंता कर रहे हैं। हमारे राष्ट्रपति किस पद पर हैं, क्या हम उसे जाति से जोड़ेंगे। मैं जाति के बंधन को नहीं मानती। राष्ट्र की रक्षा के लिए जो शौर्य दिखाता है, वह सैनिक होते हैं।
मेरी हर बात को कमियां निकाल कर दिखाया जाता है: प्रज्ञा सिंह ठाकुर
मेरी हर बात को कमियां निकाल कर दिखाया जाता है। मैं इस देश के लिए बनी हूं। इस देश के लिए कार्य करती हूं और इसके लिए अगर मुझमें कमी दिखती है, तो गलती उसकी है। मैं समाज का विघटन कभी नहीं होने दूंगी। हिंदुत्व को कभी टूटने नहीं दूंगी। हिंदुत्व की बात करती हूं, वसुधैव कुटुंबकम की बात करती हूं। मेरे संसद में कहे गए बातों को भी गलत तरीके से बताया गया।