भोपाल। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने भड़काऊ भाषण मामले में हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिलने के बाद भोपाल पुलिस के खिलाफ मुकदमा ठोक दिया है। विधायक आरिफ मसूद का दावा है कि भोपाल पुलिस ने उनके खिलाफ दुर्भावना पूर्वक गलत मुकदमा दर्ज किया, जिसे खारिज किया जाना चाहिए। मंगलवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय यादव व जस्टिस सुजय पॉल की युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार व शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किए। चार सप्ताह में जवाब मांगा गया है। अगली सुनवाई चार जनवरी को निर्धारित की गई है।
विधायक आरिफ मसूद ने फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ प्रदर्शन किया था
उल्लेखनीय है कि विगत 30 अक्टूबर को भोपाल के इकबाल मैदान मे मसूद की अगुवाई में भीड़ इकट्ठा कर फ्रांस के राष्ट्रपति का पुतला और झंडा जलाया गया था। भोपाल पुलिस का दावा है कि इस दौरान मसूद ने भाषण दिया कि फ्रांस के उक्त कृत्य का केंद्र व राज्य में बैठी हिंदूवादी सरकार के मंत्री भी समर्थन कर रहे हैं। मसूद ने चेतावनी दी थी कि यदि सरकार ने फ्रांस के कृत्य का विरोध नहीं किया तो हिंदुस्तान में भी ईंट से ईंट बजा देंगे।
विधायक मसूद समेत 400 के खिलाफ प्रकरण दर्ज
मामले पर कार्रवाई करते हुए तलैया थाना पुलिस ने विधायक आरिफ मसूद समेत 400 अज्ञात लोगों पर भादवि की धारा 153-ए का केस दर्ज किया। इस मामले में दो एफआइआर दर्ज की गईं। मामले में उन्हें हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल चुकी है। अधिवक्ता अजय गुप्ता व ऋषभ दुबे ने यह याचिका पेश कर आरिफ मसूद को बेगुनाह बताया। उनके खिलाफ दर्ज प्रकरण को विधिविरुद्ध बताते हुए खारिज करने का अनुरोध किया गया। बहस के दौरान दलील दी गई कि शिकायतकर्ता ने गलत तथ्यों के आधार पर शिकायत की। प्रारंभिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार व शिकायतकर्ता धर्म संस्कृति समिति भोपाल के महामंत्री दीपक रघुवंशी को नोटिस जारी किए गए हैं।