भोपाल। CBDT की रिपोर्ट में अपना नाम होने और रिपोर्ट के लीक हो जाने से नाराज पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह ने जवाबी हमला करते हुए श्री सीएम शिवराज सिंह चौहान के गरीबी अफसर श्री नीरज वशिष्ठ पर आरोप लगाया है कि उन्होंने नवंबर 2013 में ₹100000000 गुजरात के मुख्यमंत्री को भेजे थे। उल्लेखनीय है कि 2013 में गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेंद्र मोदी थे।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए श्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि 2013 में आयकर ने छापे मारे थे, जिसमें कम्प्यूटर की जांच में यह जानकारी मिली थी कि 12 और 29 नवंबर 2013 को नीरज वशिष्ठ ने गुजरात के मुख्यमंत्री को 5-5 करोड़ रुपए दिए। ऐसी कई एंट्री आयकर विभाग को मिली थीं।दिग्विजय ने कहा कि उस समय डायरी और कम्प्यूटर से मिली जानकारी के आधार पर नीरज वरिष्ठ के खिलाफ भी FIR दर्ज होना चाहिए।
कुछ सवाल जो प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूछे नहीं गए
सन 2013 में केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी और दिग्विजय सिंह केंद्रीय कांग्रेस कमेटी में पावरफुल स्थिति में थे। जब उन्हें पता चल गया था कि नीरज वशिष्ठ ने कोई अपराध किया है तो फिर आपराधिक प्रकरण की प्रक्रिया क्यों नहीं शुरू की गई। जैसे कि वर्तमान में की गई है।
सन 2013 का राज दिग्विजय सिंह ने अब तक छुपाकर क्यों रखा। क्या इस तरह के राज छुपाने के बदले वह भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से कुछ लाभ प्राप्त करते थे।
श्री दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया है कि प्रथम श्रेणी का अफसर पूर्व मुख्यमंत्री का OSD नहीं हो सकता लेकिन शिवराज सिंह ने कमलनाथ से क्या कर नियमों के खिलाफ वशिष्ठ की पोस्टिंग करवाई। इस प्रकार उन्होंने बताया कि नियम विरुद्ध काम में कमलनाथ, शिवराज सिंह का साथ दे रहे थे। प्रश्न यह है कि दिग्विजय सिंह ने इस पर आपत्ति क्यों नहीं उठाई जबकि वह पावर में थे।
यदि कमलनाथ ने शिवराज सिंह के कहने पर नियम विरुद्ध नियुक्ति की है तो क्या इस गलत काम के लिए दिग्विजय सिंह अपने 40 वर्ष पुराने मित्र कमलनाथ से इस्तीफे की मांग करेंगे।