जबलपुर। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रत्नेश कुररिया ने 2 संविदा कर्मचारियों (रानी दुर्गावती चिकित्सालय में पदस्थ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लेखापाल उमेश मिश्रा और बरेला में पदस्थ विकासखण्ड लेखा प्रबंधक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन वीरेंद्र राव) को 1 महीने तक बिना वेतन के काम करने की सजा सुनाई है। इतना ही नहीं दोनों कर्मचारियों को 3 दिन के भीतर 300 शिकायतों का निराकरण करना है। यदि नहीं किया तो सेवाएं समाप्त हो जाएंगी। मामला सीएम हेल्पलाइन की पेंडेंसी का है।
कलेक्टर नाराज हुए तो सीएमएचओ ने संविदा कर्मचारियों पर कार्रवाई की
ज्ञात हो कि कल सोमवार को सीएम हेल्पलाइन से प्राप्त शिकायतों के निराकरण की समीक्षा के दौरान कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने स्वास्थ्य विभाग से संबंधित लंबित शिकायतों की संख्या को देखते हुये अप्रसन्नता व्यक्त की थी और सम्बंधित कर्मचारियों पर कार्यवाही के निर्देश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दिये थे।
3 दिन में 300 शिकायतों का निराकरण करो नहीं तो सिवाय समाप्त
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने एक माह के लिये अवैतनिक करने के साथ ही अपने आदेश में दोनों कर्मचारियों को स्वास्थ्य विभाग से सबंधित तीन सौ दिनों से अधिक समय से लम्बित शिकायतों का तीन दिन के भीतर निराकरण करने के सख्त निर्देश भी दिये हैं। ऐसा न कर पाने पर उनकी संविदा सेवा समाप्त करने की चेतावनी भी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा दोनों कर्मचारियों को दी गई है।