एक तरफ सरकार सिर्फ शादी के लिए धर्मांतरण को गलत मानती है और इसे रोकने के लिए नया कानून बनाती है और दूसरी तरफ वही सरकार इंटर कास्ट मैरिज करने वालों को प्रोत्साहित करती है। सवाल यह है कि सरकार ऐसा क्यों करती है। भारत जैसे देश में जहां जाति के आधार पर सरकारी योजनाएं बनाई जातीं हैं अन्तर्जातीय विवाह को प्रोत्साहन क्यों नहीं दिया जाता है। आइए जानते हैं भारत के लोकतंत्र को मजबूत बनाने वाले भारतीय संविधान के सबसे दूरदर्शी अनुच्छेद के बारे में जो धीरे धीरे भारत से जातिवाद को खत्म कर रहा है।
निर्णयक वाद लता सिंह बनाम उत्तर प्रदेश राज्य:-
इस मामले में पिता की मृत्यु के बाद लड़की अपने भाई के पास रहती है एवं एक दिन लड़की अपने भाई के घर से भाग जाती है एवं वह अन्य जाति के लड़के से विवाह कर लेती है। लड़का एवं लड़की दोनों वयस्क होते हैं। लड़की का भाई लड़के एवं उसके परिवार वालों पर अपहरण करने का केस दर्ज करवा देता है। पुलिस अधिकारी लड़के और परिवार वालों पर मुकदमा दायर कर मजिस्ट्रेट ने उनकी गिरफ्तारी का वारण्ट जारी किया और पुलिस रिपोर्ट बनाकर इस मामले को न्यायालय भेज दिया।
उच्चतम न्यायालय ने इस मामले पर गंभीर चिंता व्यक्त करता है और यह अभिनिर्धारित करता कि जो लड़की ने शादी की है वह वयस्क थी और उसे अपनी मर्जी से किसी भी जाति के व्यक्ति के साथ विवाह करने का मौलिक अधिकार है। उसने कोई अपराध नहीं किया था। अतः उनके विरुद्ध मजिस्ट्रेट के न्यायालय द्वारा चलाया गया आपराधिक मामला अभिखण्डित कर दिया जाए और पुलिस प्रशासन को यह निर्देश दिया कि उनको परेशान न किया जाए एवं उनको पूर्ण सुरक्षा प्रदान करे। न्यायालय ने बताया कि यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के अंतर्गत प्रदत्त उसकी वैयक्तिक स्वतंत्रता का अधिकार है। जिसका उल्लंघन कोई नहीं कर सकता है।
अन्तर्जातीय विवाह से जाति परिवर्तन होता है या नहीं
यहां उल्लेख करना जरूरी है कि अंतरजातीय विवाह करने से पति अथवा पत्नी की जाति का परिवर्तन नहीं होता। सरकारी प्रक्रियाओं में पिता की जाति को ही संतान की जाति माना जाता है। फिर चाहे वह अंतरजातीय विवाह क्यों ना कर ले। जबकि दूसरी प्रक्रिया में सिर्फ विवाह करने के लिए धर्म परिवर्तन हो जाता है।
:- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
कानूनी जानकारी से संबंधित 10 सबसे लोकप्रिय लेख
कोर्ट में गीता पर हाथ रखकर कसम क्यों खिलाते थे, रामायण पर क्यों नहीं है
सरकारी अधिकारी निर्दोष नागरिक को जबरन रोककर रखे तो IPC की किस धारा के तहत मामला दर्ज होगा
अधिकारी, कोर्ट में गलत जानकारी पेश कर दे तो विभागीय कार्रवाई होगी या FIR दर्ज होगी
क्या जमानत की शर्तों का उल्लंघन अपराध है, नई FIR दर्ज हो सकती है
एक व्यक्ति अपराध करे और दूसरा सिर्फ साथ रहे तो दूसरा अपराधी माना जाएगा या नहीं
रात के समय किसी के घर में चोरी छुपे घुसना किस धारा के तहत अपराध है
यदि कोई मर्जी के बिना घर में घुस आए तो क्या FIR दर्ज करवाई जा सकती है
धूम्रपान करने वालों के खिलाफ IPC की किस धारा के तहत FIR दर्ज होगी
आम रास्ते में रुकावट पैदा करने वाले के खिलाफ किस धारा के तहत FIR दर्ज होती है
गर्भपात के दौरान यदि महिला की मृत्यु हो गई तो जेल कौन जाएगा डॉक्टर या पति
यदि जबरदस्ती नशे की हालत में अपराध हो जाए तो क्या सजा से माफी मिलेगी
सरकारी अधिकारी निर्दोष नागरिक को जबरन रोककर रखे तो IPC की किस धारा के तहत मामला दर्ज होगा
अधिकारी, कोर्ट में गलत जानकारी पेश कर दे तो विभागीय कार्रवाई होगी या FIR दर्ज होगी
क्या जमानत की शर्तों का उल्लंघन अपराध है, नई FIR दर्ज हो सकती है
एक व्यक्ति अपराध करे और दूसरा सिर्फ साथ रहे तो दूसरा अपराधी माना जाएगा या नहीं
रात के समय किसी के घर में चोरी छुपे घुसना किस धारा के तहत अपराध है
यदि कोई मर्जी के बिना घर में घुस आए तो क्या FIR दर्ज करवाई जा सकती है
धूम्रपान करने वालों के खिलाफ IPC की किस धारा के तहत FIR दर्ज होगी
आम रास्ते में रुकावट पैदा करने वाले के खिलाफ किस धारा के तहत FIR दर्ज होती है
गर्भपात के दौरान यदि महिला की मृत्यु हो गई तो जेल कौन जाएगा डॉक्टर या पति
यदि जबरदस्ती नशे की हालत में अपराध हो जाए तो क्या सजा से माफी मिलेगी