इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर विद्यार्थियों के मुद्दों पर आंदोलन करने वाले छात्रनेता असल में विश्वविद्यालय में नंबर बढ़वाने और फेल को पास करवाने के काम में जुटे हैं। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में एक छात्रनेता द्वारा विद्यार्थियों से नंबर बढ़वाने के नाम पर सौदेबाजी की जा रही है।
अभाविप के प्रकल्प मेडविजन के राष्ट्रीय संयोजक और अभाविप के पूर्व नगर मंत्री वीरेंद्रसिंह सोलंकी की सौदेबाजी करती ऑडियो रिकॉर्डिंग विद्यार्थियों ने वायरल कर दी है। जिन विद्यार्थियों से अभाविप का छात्र नेता सौदेबाजी कर रहा है, वे एमबीबीएस के विद्यार्थी बताए जा रहे हैं। खास बात है कि छात्रनेता बिना हिचक के फेल विद्यार्थियों को 10-15 नंबर बढ़ाने की गारंटी तो दे ही रहे हैं, साथ ही परिणाम घोषित होने से पहले परिणाम बताने की बात भी छात्रनेता कह रहा है।
विद्यार्थियों द्वारा वायरल की गई रिकॉर्डिंग में छात्र नेता सोलंकी एक छात्रा से नंबर बढ़वा कर पास करवाने की डील करता सुनाई दे रहा है। छात्रा उससे पूछती है कि काम हो तो जाएगा? इस पर वह कहता है कि फर्स्ट टाइम तो कर नहीं रहा हूं, पहले भी मैं करता रहा हूं। इसके बाद छात्रा कहती है कि पेमेंट थोड़ा कम नहीं हो सकता। सोलंकी जवाब देता है कि आपके लिए कम ही बता रहा हूं। वह यह भी कहता है कि इधर काम होने से बच्चे दिसंबर में होने वाली फाइनल ईयर की एग्जाम के योग्य हो जाएंगे। अगर उसमें भी रहा तो आगे भी हम करवा देंगे।
इस पर छात्रा अनुरोध करती है कि पैसे कम हो जाते तो कुछ और विद्यार्थी आ जाते। जिनके दो सब्जेक्ट हैं, उन्हें ज्यादा समस्या है। इस पर अभाविप नेता कहता है कि जिनके दो सब्जेक्ट हैं, उनके लिए हम लोग वन-टू-वन बात कर लेंगे। आगे यह भी जोड़ता है कि जितना अंदर लगना है, उतना तो लगेगा ही। आपके लिए मैंने बता दिया है। उतने में मैं हर किसी का काम नहीं कर सकता। आगे अधिकारी भी कहते हैं।
छात्रा कहती है कि 15 आपने बताए, उतने में नहीं होगा। सोलंकी साफ कह देता है कि सिर्फ आपके लिए 15 है, दूसरों के लिए नहीं। बात में छात्रा और छात्रनेता के बीच चर्चा आगे बढ़ती है। सौदा 18 हजार रुपये प्रति विषय पर तय होता है। दावा होता है कि 10 नंबर बढ़ जाएंगे। और तो और, सोलंकी अपनी ओर से आश्वस्त कर देता है कि परिणाम घोषित होने से पहले ही नंबर बता देगा।
ऑडियो रिकॉर्डिंग अभी मैंने सुनी नहीं है। जैसा बताया जा रहा है, यदि वैसा है तो मामला गंभीर है। अधिकारियों और सिस्टम के बारे में भी बात हो रही है। मामले में जांच करवाई जाएगी।
-प्रो. रेणु जैन, कुलपति
आवाज मेरी है। सामान्यत: हम कार्यकर्ता और छात्रों के लिए सिफारिश कर देते हैं, लेकिन कभी आर्थिक लेन-देन नहीं किया। मैं ऐसी रिकॉर्डिंग या चर्चा के बारे में नहीं जानता। मैं खुद एमबीबीएस में फेल होने के कारण डेढ़ साल पिछड़ गया हूं।
-वीरेंद्र सोलंकी, संयोजक, मेडविजन अभाविप
आवाज वीरेंद्र की नहीं है, मैं दावे से कह रहा हूं। वो अच्छा कार्यकर्ता है। आप मान लीजिए आवाज उसकी नहीं है।
प्रफुल्ल अकांत -राष्ट्रीय सहसंगठन मंत्री, अभाविप