भोपाल। लोक शिक्षण संचालनालय ने एक आदेश जारी करके मध्य प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों को मनमानी फीस लेने की छूट दे दी है। कोरोना संक्रमण काल में आम नागरिक से लेकर बड़े व्यापारी तक सभी को नुकसान हुआ है परंतु लोक शिक्षण संचनालय को केवल स्कूलों को हुए घाटे की भरपाई करने की चिंता है। उसके आदेश में स्पष्ट परिलक्षित होता है कि भले ही पेरेंट्स की नौकरी चली गई हो या फिर संक्रमण के कारण इलाज में उनका पूरा जमा धन खर्च हो गया फिर भी उन्हें प्राइवेट स्कूल की पूरी फीस अदा करनी होगी।
हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूल पूरी फीस वसूल सकते हैं
लोक शिक्षण संचालनालय का कहना है कि कक्षा 9 से 12 तक की नियमित कक्षाएं प्रारंभ हो गई है। स्कूल की सभी गतिविधियां नियमित रूप से संचालित हो रही हैं। ऐसी स्थिति में प्राइवेट स्कूलों को सभी प्रकार की पूरी फीस लेने का अधिकार है। प्राइवेट स्कूल जनवरी 2021 से लेकर शिक्षा सत्र की समाप्ति तक पूरी फीस वसूल सकते हैं।
फीस नहीं देने वाले कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों का रिजल्ट रोकने के आदेश
स्कूल शिक्षा विभाग के उप सचिव श्री केके द्विवेदी के हस्ताक्षर से जारी हुए आदेश में लिखा गया है कि प्राइवेट स्कूल आर्थिक परेशानी से जूझ रहे हैं। उनके पास अपने शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी पर्याप्त धन नहीं है। शासन ने कोरोनावायरस संक्रमण काल में स्कूलों को केवल ट्यूशन फीस लेने की छूट दी थी। स्कूल संचालकों का कहना है कि पेरेंट्स ट्यूशन फीस भी जमा नहीं करा रहे हैं। इसी के चलते लोक शिक्षण संचालनालय ने व्यवस्था सुनिश्चित की है कि जिस विद्यार्थी की पूरी फीस जमा नहीं होगी उसे अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा