भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में संविदा नियुक्ति की मांग कर रहे कोरोना योद्धाओं पर पुलिस ने लाठियां बरसा दी। प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया। बताया जा रहा है कि कुछ प्रदर्शनकारी महिलाओं के कपड़े फट गए। जबकि कुछ प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं।
क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं कोरोना योद्धा
सरकार ने लॉकडाउन के समय आपातकाल की स्थिति में कोरोनावायरस से पीड़ित मरीजों की देखभाल के लिए पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती की थी। यह भर्ती अस्थाई रूप से 3 महीने के लिए थी। लॉकडाउन के कारण प्राइवेट अस्पतालों में काम करने वाले कर्मचारियों ने कोरोना योद्धा के तौर पर सेवाएं देना शुरू कर दिया। बाद में सरकार 8 महीने तक लगातार इनकी सेवा वृद्धि करती गई और मांगने पर भी इन्हें सेवा से मुक्त नहीं किया गया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वह जहां काम करते थे वहां दूसरे लोग नौकरी पर आ गए हैं। यदि सरकार उन्हें सेवा मुक्त कर देगी तो वह सड़क पर आ जाएंगे। प्रदर्शनकारी मात्र संविदा नियुक्ति की मांग कर रहे हैं।
पहले दुलारा, अब दुत्कारा
भर्ती के समय मुख्यमंत्री सहित सरकार में शामिल सभी मंत्री एवं विधायक आदि कोरोना योद्धाओं की प्रशंसा करते नहीं थकते थे। बताने की जरूरत नहीं कि सरकार से मोटा वेतन प्राप्त करने वाले डॉक्टर कोरोनावायरस पीड़ित मरीजों के पास तक नहीं जाते थे। मरीजों की देखभाल और डेंजर जोन में आवाजाही इन्हीं कर्मचारियों द्वारा की जा रही थी। अब हालत यह है कि सरकार की तरफ से कोई प्रतिनिधि उनसे मिलने तक नहीं आ रहा।