बदरवास। बोर्ड परीक्षाओं में चालीस प्रतिशत से कम रिजल्ट आने पर शिक्षकों की परीक्षा और उसके बाद बर्खास्तगी के आदेश का शिक्षक संयुक्त मोर्चा ने प्रांतीय आव्हान पर विरोध करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन कोविड नियमों का पालन करते हुए बदरवास तहसीलदार डॉ. दिव्यदर्शन शर्मा को सौंपकर इसको रोकने की मांग की है।
प्रांतीय आव्हान पर मप्र के मुख्यमंत्री के नाम बदरवास तहसीलदार डॉ. दिव्यदर्शन शर्मा को सौंपे गए ज्ञापन में शिक्षकों द्वारा बताया गया कि हाईस्कूल औऱ हायर सेकंडरी परीक्षा में 40 प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम रहने पर संवंधित विद्यालय और उसके कैचमेंट एरिया में आने बाले शिक्षकों की परीक्षा 27 और 28 दिसंबर को विभाग द्वारा रखी गई है और अनुत्तीर्ण रहने पर उनके बर्खास्तगी के आदेश को शिक्षक हित में अविलंब बापिस लिया जाए।
पूर्व में यह परीक्षा 30 प्रतिशत से कम रिजल्ट पर आयोजित हुई थी जिसे बढ़ाकर शासन ने 40 प्रतिशत कर दिया है। ज्ञापन में मांग रखी गई कि बर्खास्तगी के बजाय अन्य आर्थिक दंड दिए जा सकते हैं जिससे शिक्षकों के परिवारों पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। रिजल्ट कम आने के कई अन्य कारण होते है जिससे शिक्षक को दोषी ठहराना उचित नहीं है।
परीक्षा परिणाम में सुधार लाने हेतु शिक्षकों को प्रशिक्षण देना, दक्षता बढ़ाने परीक्षा लेना उचित है परंतु परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने बाले शिक्षकों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही और आर्थिक दंड देने की बजाय सीधे सेवा से वर्ख़ास्त किये जाने की नीति समाप्त करने की मांग शिक्षक संगठन द्वारा की गई, साथ ही वर्षों से सेवारत शिक्षकों की परीक्षा लेकर सेवा से वर्ख़ास्त करने की नीति के स्थान पर परीक्षा परिणाम में वृद्धि हेतु सारगर्भित नीति लागू करने का माननीय मुख्यमंत्री से अनुरोध ज्ञापन के माध्यम से किया गया।
ज्ञापन सौंपने वक्त बड़ी संख्या में शिक्षक उपस्थित रहे जिनमें गोविन्द अवस्थी, मनीष बैरागी, रिजवाना खान, कपिल परिहार, अजयप्रताप यादव, ऋषि शास्त्री, लक्ष्मणप्रसाद राठौर, जयकुमार जैन, भानुप्रताप यादव, ब्रजेश वर्मा, मोहनसिंह कुशवाह, राजकुमार शर्मा, जगन्नाथ जाटव, चंद्रवीरसिंह सेंगर, इंद्रपाल यादव, हेमंत अग्रवाल, रघुनाथ जाटव, सुखदेव भगत, दुर्गाप्रसाद सोलंकी शामिल थे।