नई दिल्ली। कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) ने सोमवार को लाभार्थियों को आपात स्थिति में किसी भी नजदीकी निजी अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं लेने (इलाज कराने) की अनुमति दे दी है। मौजूदा व्यवस्था के तहत ईएसआईसी की योजना के दायरे में आने वाले बीमित व्यक्तियों और लाभार्थियों (पारिवार के सदस्य) को पैनल में शामिल या उससे बाहर के अस्पतालों में इलाज के लिये पहले ईएसआईसी चिकित्सालय या अस्पताल में जाना होता था। वहां से फिर से उन्हें ‘रेफर’ किया जाता था।
श्रमिक संगठन समन्वय समिति (टीयूसीसी) के महासचिव एस पी तिवारी ने कहा कि बोर्ड की सोमवार को हुई बैठक में आपात स्थिति में दूसरे अस्पतालों में इलाज के लिये ईएसआईसी चिकित्सालय या अस्पतालों से ‘रेफर’ किये जाने की पूर्व शर्त को समाप्त कर दिया गया है। ईएसआईसी के बोर्ड में शामिल तिवारी ने कहा कि दिल का दौरा पड़ने जैसे आपात चिकित्सा मामलों में यह निर्णय लिया गया है।
गौरतलब है कि दिल का दौरा पड़ने पर तत्काल इलाज की जरूरत पड़ती है। ईएसआईसी लाभार्थी आपात स्थिति में इलाज के लिये पैनल में शामिल या अन्य निजी अस्पतालों में जा सकते हैं। जहां पैनल में शामिल अस्पतालों में इलाज ‘कैशलेस’ होगा, वहीं अन्य निजी अस्पतालों में इलाज के खर्च का भुगतान कर उसे बाद में प्राप्त किया जा सकता है। इसकी इलाज की दरें केंद्र सरकार स्वास्थ्य सेवा (सीजीएचएस) दरों के अनुरूप होंगी।
उन्होंने आगे बताया कि अगर 10 किमी के दायरे में कोई ESIC या निजी अस्पताल नहीं है तो गैर-निजी अस्पतालों में सब्सक्राइबर्स को स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त करने की अनुमति मिलेगी। तिवारी ने कहा कि यह भी तय किया गया था कि अपने ग्राहकों और लाभार्थियों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए ESIC अपने नए खुलने वाले अस्पताल चलाएगा और इसे चलाने के लिए राज्यों को सुविधाएं नहीं सौंपेगा। ईएसआईसी के पास लगभग 26 निर्माणाधीन अस्पताल हैं। 16 नए अस्पताल बनाने पर विचार किया जा रहा है।
राज्यों के पास अभी तक 110 अस्पताल हैं, जिन पर ईएसआईसी लाभार्थियों का इलाज किया जाता है। जिसके लिए ईएसआईसी सेवा शुल्क का भुगतान करता है। वे मौजूदा व्यवस्था के अनुसार सेवाएं जारी रखेंगे।