इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के गांधी नगर क्षेत्र से 3 दिसंबर को 7 साल के बच्चे के अपहरण की गुत्थी पुलिस ने सुलझाते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी बच्चे की मौसी की बेटी जो कि अपने पति को छोड़कर अलग रह रही थी के साथ रहना चाहता था, लेकिन उसकी हरकतों से परेशान होकर वह उसके साथ नहीं रहना चाहती थी। उसे पाने के लिए आरोपी बच्चे को लेकर ऊन के जंगल चला गया, जहां वह डेढ़ दिन बच्चे को लेकर रहा।
बहन की बेटी के BF ने किया बेटे का अपहरण
CSP और एक महिला आरक्षक ने उक्त महिला बनकर आरोपी को बातों में तब तक उलझाए रख जब तक की पुलिस उसके पास नहीं पहुंच गई। वे उसे कहती रहीं बच्चे को कुछ मत करना मैं आ रही हूं। एसपी महेशचंद जैन ने बताया कि 3 दिसंबर को चंदन नगर थाने में एक महिला ने अपने 7 साल के बेटे के अपहरण की शिकायत दर्ज करवाने पहुंची थी। 4 दिसंबर को गांधी नगर सीएसपी को मामले की जिम्मेदारी सौंपी गई।
थाने में मौजूद होने के दौरान ही अपहृत बच्चे की मां के पास आरोपी का कॉल आया। उसने बताया कि बच्चा मेरे पास है। जब तक वह मेरे साथ रहने नहीं आएगी, तब तक मैं आपके बच्चे को नहीं छोडूंगा। पुलिस ने बच्चे की मां से उक्त महिला के बारे में पूछा, जिसके साथ आरोपी रहने की बात कर रहा था। इस पर उसने बताया कि मेरी बहन की बेटी पिछले कुछ दिनों से पति से अलग रह कर आरोपी के साथ रहने लगी थी। विवाद के बाद उसने दीपक नामक उस व्यक्ति के साथ रहना बंद कर दिया था। दीपक के कई बार कहने के बाद भी जब वह नहीं मानी तो उसने मौसी के 7 साल के बेटे के अपहरण की साजिश रच डाली।
दीपक ने 3 दिसंबर को बच्चे का अपहरण किया और उसे खरगोन जिले के थाना ऊन के गोयबा गांव लेकर चला गया। इस पर एएसपी डॉ. प्रशांत चौबे और सीएसपी सौम्या जैन ने बच्चे को वापस लाने की कमान संभाली और सबसे पहले आरोपी की लोकेशन को ट्रैस किया। इसके बाद एक टीम रवाना कर आरोपी से सीएसपी जैन और महिला आरक्षक उक्त महिला बनकर बात करती रहीं। उसे समझाती रहीं कि मैं आ रही हूं, बच्चे को कुछ मत करना। इसके बाद टीम खरगोन पहुंची और महिला आरक्षक ने आरोपी को मिलने बुलाया। आरोपी के पास बच्चे को सकुशल देख टीम ने घेराबंदी कर उसे दबोच लिया। एसपी जैन ने बताया कि आरोपी दीपक को ऊन के जंगल से पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी बच्चे को 3 दिसंबर की दोपहर में लेकर गया था। उसने करीब डेढ़ दिन उसे अपने साथ जंगल में ही रखा। 4 दिसंबर की शाम को पुलिस बच्चे तक पहुंची।