स्मार्टफोन की बैटरी में ब्लास्ट क्यों होता है, क्या उसमें विस्फोटक होता है - GK IN HINDI

Bhopal Samachar
स्मार्टफोन की बैटरी में विस्फोट की खबरें अक्सर आती रहती है। एक रिपोर्ट के अनुसार स्मार्टफोन की बैटरी ब्लास्ट के कारण भारत में पिछले साल 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। सवाल यह है कि स्मार्टफोन की बैटरी में विस्फोट क्यों होता है। क्या केवल सैमसंग कंपनी के मोबाइल फोन में ब्लास्ट होता है या फिर एप्पल की बैटरी भी ब्लास्ट हो सकती है। क्या स्मार्ट फोन की बैटरी में बारूद भरा होता है। कहीं यह चीन की कोई साजिश तो नहीं, उसने हर हाथ में एक बम पकड़ा दिया है। चीन जब चाहे इसे ब्लास्ट कर सकता है। आइए इन सब सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करते हैं:-

स्मार्टफोन की बैटरी में क्या होता है, यह कैसे काम करती है

स्मार्टफोन को स्लिम ट्रिम और उसके वजन को कम रखने के लिए स्मार्टफोन की बैटरी को खास प्रकार से डिजाइन किया जाता है। मोबाइल की बैटरी में उर्जा को स्टोर करने के लिए दो इलेक्ट्रोड होते हैं। एक पॉजिटिव कैथोड और दूसरा नेगेटिव एनोड। जब आप बैटरी को चार्ज करते हैं तो लिथियम आयन कैथोड से एनोड की तरफ जाते हैं। जब आप मोबाइल को यूज करते हैं तो लिथियम आयन नेगेटिव एनोड से पॉजिटिव कैथोड की तरफ जाते हैं। दोनों इलेक्ट्रोडों के बीच रासायनिक पदार्थों (कैमिकल) का एक मिश्रण होता है जिसे इलेक्ट्रोलाइट कहते हैं। बैटरी में पॉजिटिव कैथोड और नेगेटिव एनोड को एक दूसरे से दूर रखने के लिए सेपरेटर लगाया जाता है। यदि यह सेपरेटर टूट जाता है तो पॉजिटिव कैथोड और नेगेटिव एनोड आपस में मिल जाते हैं और बैटरी में विस्फोट होता है।

क्या सिर्फ सैमसंग की बैटरी में ब्लास्ट होता है 

बैटरी के फटने की सबसे ज्यादा घटना है सैमसंग गैलेक्सी नोट 7 में हुई। क्योंकि यह एक लग्जरी फोन था जिसकी कीमत ₹60000 के आसपास थी, इसलिए भी इसकी बैटरी के फटने की घटनाएं सुर्खियों में आती रही। जांच के दौरान पाया गया कि NOTE-7 को सबसे स्लिम फोन बनाने के लिए बैटरी को काफी टाइट और पतला बनाया गया था जिस वजह से उसके इलेक्ट्रोड आपस में मिल जाते थे। यानी बैटरी के ब्लास्ट से सैमसंग का कोई रिश्ता नहीं है बल्कि किसी भी कंपनी की बैटरी ब्लास्ट कर सकती है। स्मार्टफोन जितना स्लिम ट्रिम होगा या फिर जितना सस्ता होगा उसकी बैटरी में विस्फोट होने का खतरा उतना ही ज्यादा होगा।

क्या स्मार्ट फोन की बैटरी भी ओवर चार्ज हो जाती है

इंजीनियर से कहते हैं कि उन्होंने स्मार्टफोन को इस तरीके से डिजाइन किया है कि यदि आप उसे हमेशा के लिए भी चार्ज पर लगा कर रखे तो उसकी बैटरी को कोई नुकसान नहीं होगा क्योंकि बैटरी के फूल होते ही उसमें पावर सप्लाई ऑटोमेटेकली ऑफ हो जाती है, लेकिन प्रिन्सटन विश्वविद्यालय में वैज्ञानिक डैन स्टेंगार्ट कहते हैं कि मोबाइल की बैटरी को एक रबड़ बैंड के उदाहरण से समझा जा सकता है। बैट्री को चार्ज करना ऐसा ही है जैसे रबड़ बैंड को खींचना और जब बैटरी का इस्तेमाल हो रहा होता है तो यह रबड़ बैंड के वापस अपनी स्थिति में आने जैसा होता है। जिस तरह से रबड़ को ज्यादा खींचने पर वह टूट जाता है उसी तरह ओवर चार्जिंग से एक साइड में इकट्ठा हुए ज्यादा लिथियम आयनों के कारण बैटरी भी फट सकती है। इस सिद्धांत के अनुसार बैटरी को 50% के आसपास चार्ज रखना चाहिए।

फास्ट चार्जर मोबाइल की बैटरी के लिए फायदेमंद है या नुकसानदायक 

लोगों के पास समय नहीं है। वह हर काम जल्दी से करना चाहते हैं। वह चाहते हैं कि मोबाइल फोन की बैटरी भी स्विच ऑन करते ही फुल चार्ज हो जाए। ऐसा नहीं हो सकता तो कम से कम चाय के खत्म होते तक बैटरी फुल चार्ज हो जाए। डिमांड को पूरा करने के लिए कुछ इंजीनियरों ने फास्ट चार्जर बना दिया। इसके कारण पॉजिटिव कैथोड से नेगेटिव एनोड की तरफ लिथियम आयन तेजी से जाता है और कई बार इसके कारण सेपरेटर टूट जाता है। नतीजा बैटरी में से धुआं निकल जाता है, उसमें आग लग जाती है या फिर ब्लास्ट हो जाता है।

चार्जिंग के समय स्मार्टफोन का उपयोग करना चाहिए या नहीं 

प्रिन्सटन विश्वविद्यालय में वैज्ञानिक डैन स्टेंगार्ट के सिद्धांत के अनुसार यदि स्मार्टफोन में चार्जर लगा हुआ है तो उसे उपयोग करने में कोई समस्या नहीं है। स्मार्टफोन बनाने वाले इंजीनियरों का कहना भी यही है कि स्मार्टफोन की बैटरी का चार्ज होना और मोबाइल का उपयोग किया जाना दोनों अलग-अलग प्रक्रिया है। दोनों का एक दूसरे से कोई संबंध नहीं है। इसलिए चार्ज होता हुआ है स्मार्टफोन उपयोग करने से ब्लास्ट नहीं होता। ब्लास्ट तभी होता है जब बैटरी के अंदर सेपरेटर टूट जाए और सेपरेटर उन्हीं मोबाइल फोन का टूटता है जो बेहद स्लिम ट्रिम होते हैं या फिर सस्ते होते हैं। सरल शब्दों में यह:- स्मार्टफोन ना तो बहुत महंगा खरीदना चाहिए ना सस्ता। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article (current affairs in hindi, gk question in hindi, current affairs 2019 in hindi, current affairs 2018 in hindi, today current affairs in hindi, general knowledge in hindi, gk ke question, gktoday in hindi, gk question answer in hindi,) 

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