प्राचीन काल से मूल्यवान हीरे, जवाहरात आदि का वजन नापने के लिए एक पौधे की फली के अंदर से मिलने वाले दाने 'रत्ती' का उपयोग किया जाता रहा है। सवाल यह है कि जिन वैज्ञानिकों (ऋषि-मुनियों) ने तराजू बना लिए थे क्या वह बांट नहीं बना सकते थे। आइए पता लगाते हैं मूल्यवान वस्तुओं का वजन तोलने के लिए रत्ती को ही उपयुक्त क्यों माना गया।
'रत्ती' का पौधा कहां मिलता है और दाने कैसे होते हैं ('रत्ती' की पहचान क्या है)
आपको यह जानकर बहुत ही हैरानी होगी कि 'रत्ती' पृथ्वी पर पैदा होने वाला एक ऐसा चमत्कारी पौधा है जिस के चमत्कार को सारी दुनिया नमस्कार करती है। इस पौधे की फली में लगने वाले दाने लाल और काले रंग के होते हैं। भले ही 'रत्ती' भर बुद्धि की कोई कीमत ना हो परंतु 'रत्ती' के एक दाने की बहुत कीमत होती है। यदि आप जैसे मसल कर नष्ट करना चाहते हैं तो नहीं कर पाएंगे। यह मोती की तरह मजबूत महसूस होगा। 'रत्ती' के पौधे पहाड़ों में पाए जाते हैं। वह इस पौधे को गूंजा भी कहते हैं। यह पेड़ केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरे एशिया में पाए जाते हैं।
'रत्ती' का उपयोग सोना एवं हीरे जवाहरात तोलने के लिए क्यों किया जाता है
बाजार में एक से एक अच्छी डिजिटल तराजू आ गई है। सभी स्वर्ण आभूषण कारोबारियों के यहां डिजिटल तराजू होती है, लेकिन इसी तराजू के पास में बहुत सहेज कर 'रत्ती' और उसकी तराजू भी रखी होती है। आज भी लाखों लोग ऐसे हैं जो डिजिटल तराजू के बजाए 'रत्ती' पर भरोसा करते हैं। जिन लोगों को 'रत्ती' के बारे में पूरी जानकारी नहीं है वह केवल इतना बता पाते हैं कि पहले न्यूनतम वजन मापने के लिए कोई बांट नहीं बनाया गया था इसलिए 'रत्ती' का उपयोग किया जाता था परंतु वास्तविकता यह नहीं है।
डिजिटल तराजू को जांचने के लिए भी रत्ती का उपयोग किया जाता है
विशेषज्ञ जब डिजिटल तराजू का परीक्षण करते हैं तब भी 'रत्ती' का ही उपयोग किया जाता है। 'रत्ती' की सबसे खास बात यह है कि इसका वजन हमेशा एक जैसा होता है। यह बिल्कुल ताजा तोड़कर लाई गई हो या फिर वर्षों पुरानी हो। इसके वजन में कोई अंतर नहीं आता। डिजिटल तराजू में एक रत्ती का वजन करीब 0.121497 ग्राम होता है और किसी भी स्थिति में यह परिवर्तित नहीं होता।
गूंजा या रत्ती का वैज्ञानिक नाम क्या है
इनको Coral bead कहा जाता है। यह Fabacae फैमिली का सदस्य है। इसका वैज्ञानिक नाम Abrus precatorius है। यह सेम के बीज की तरह दिखाई देते हैं। रत्ती के बीज बहुत जहरीले होते हैं जिन्हें खाने से मृत्यु तक हो सकती है। इनका उपयोग निद्राकारी औषधियों को बनाने में किया जाता है।Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article (current affairs in hindi, gk question in hindi, current affairs 2019 in hindi, current affairs 2018 in hindi, today current affairs in hindi, general knowledge in hindi, gk ke question, gktoday in hindi, gk question answer in hindi,)