यदि आप रसोई घर में नजर डालेंगे तो एक अजीब सी बात दिखाई देगी। बर्तनों को रखने का स्टैंड, सेल्फ या अलमारी सब आयताकार होते हैं परंतु बर्तन गोल होते हैं। प्रश्न यह है कि खाना पकाने वाले बर्तनों का आकार गोल क्यों होता है, चौकोर क्यों नहीं होता।
इसे समझने के लिए अपन को रसोई घर से थोड़ा बाहर चलना पड़ेगा। आप देखेंगे कि कुआं गोल होता है। कॉलोनी का वाटर टैंक भी गोल होता है। रोड पर पेट्रोलियम पदार्थ या किसी भी प्रकार का लिक्विड ट्रांसपोर्ट करने वाले टैंकर भी गोल होते हैं। यहां तक की दुश्मन पर बरसाए जाने वाले बम भी गोल होते हैं। कितनी अजीब बात है कि पृथ्वी भी गोल है और सूर्य एवं चंद्रमा भी।
अब अपन काम की बात पर आते हैं। यह सब कुछ प्रेशर को कम करने की पॉलिटिक्स है। यदि कोई चीज गोल है तो उसमें प्रेशर को सहन करने की क्षमता बढ़ जाती है। गोल चीजें न्यूनतम ऊर्जा में अधिकता में स्थिरता प्रदान करती है। इसीलिए तो क्रिकेट की बॉल और 22 खिलाड़ियों की किक से पिटने वाली फुटबॉल गोल होती है।
जहां तक रसोई घर में खाना पकाने वाले बर्तनों की बात है तो उनके गोल होने का एक और कारण यह भी है कि अग्नि का प्राकृतिक स्वरूप गोल होता है। लकड़ी चौकोर हो या त्रिकोण लेकिन यदि आप उसे जलाएंगे तो ऊपर की तरफ उठने वाली अग्नि गोल होगी। इसलिए खाना पकाने वाले बर्तन गोल रखे जाते हैं ताकि पूरी अग्नि ऊर्जा का उपयोग किया जा सके। न्यूनतम ऊर्जा में अधिकतम उत्पादन हो सके। बर्तन की आयु लंबी हो। चौकोर बर्तन गैस की आग के संपर्क में आने के बाद ज्यादा दिन तक टिक नहीं पाएगा। चारों खाने चित हो जाएगा।
गोल बर्तन का सतही क्षेत्रफल (surface area) कम होता है जिसके कारण खाना जल्दी बन जाता है या पक जाता है। जबकि चौकोर या आयताकार या किसी और आकार का बर्तन होने पर सतही क्षेत्रफल बढ़ जाएगा जिसके कारण खाना पकने में देर लगेगी। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article (current affairs in hindi, gk question in hindi, current affairs 2019 in hindi, current affairs 2018 in hindi, today current affairs in hindi, general knowledge in hindi, gk ke question, gktoday in hindi, gk question answer in hindi,)